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बंगाल में ममता ही लेकर आयीं भाजपा को

विपक्ष के नेता सूर्यकांत ने लगाया सीएम पर आरोप ममता की धर्मनिरपेक्षता पर माकपा ने उठाये सवाल कोलकाता : विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें राज्य में सांप्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देने का जिम्मेदार ठहराया. यादवपुर से माकपा उम्मीदवार सुजन चक्रवर्ती के समर्थन […]

विपक्ष के नेता सूर्यकांत ने लगाया सीएम पर आरोप

ममता की धर्मनिरपेक्षता पर माकपा ने उठाये सवाल

कोलकाता : विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें राज्य में सांप्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देने का जिम्मेदार ठहराया. यादवपुर से माकपा उम्मीदवार सुजन चक्रवर्ती के समर्थन में दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए श्री मिश्र ने आरोप लगाया कि इन दिनों तृणमूल सुप्रीमो धर्मनिरपेक्षता की बातें बार-बार दोहरा रही हैं. पर हकीकत तो यह है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा को वही ले कर आयीं. भाजपा ने उनका हाथ पकड़ कर ही बंगाल में अपने पैर जमाये हैं.

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सूर्यकांत मिश्र ने कहा : हम कांग्रेस व भाजपा को हराने की बात करते हैं. तृणमूल कांग्रेस भी यही बात करती है. पर हम लोगों में फर्क यह है कि चुनाव के बाद ममता बनर्जी कभी भाजपा के साथ, तो कभी कांग्रेस के साथ हाथ मिला लेती हैं. उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक रंगमंच पर वह अब तक भाजपा व कांग्रेस के साथ चार बार हाथ मिला चुकी हैं.

माकपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. फिर भी सौंदर्यीकरण के नाम पर फिजूलखर्ची हो रही है. सजाने-संवारने के नाम पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं.

सरकारी अधिकारियों के रंगे-रंगाये आवासों को फिर से रंगा जा रहा है. तृणमूल के तीन वर्ष के शासनकाल में ही ट्रायडेंट लाइट से लेकर चिटफंड घोटाले तक सामने आ चुके हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है. अपराधियों का बोलबाला है. पुलिस अपराध पर काबू पाने के बजाय अपराधियों का साथ दे रही है. मामले दर्ज होने के बावजूद राजनीतिक हस्तक्षेप व दबाव के कारण आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. श्री मिश्र ने कहा कि देश की आबादी 120 करोड़ है, पर इस देश की कुल दौलत का एक तिहाई केवल 122 परिवारों के हाथ में सिमटा हुआ है. यह कॉरपोरेट घराने हैं. जो लगातार फल-फूल रहे हैं. देश में जबरदस्त आर्थिक विषमता हो रही है. जो लोग उन 122 परिवारों का समर्थन करते हैं, उन्हें कांग्रेस व भाजपा का साथ देना चाहिए. पर जो लोग बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व कानून व्यवस्था की खराब स्थिति से परेशान हैं, उन्हें हमारी लड़ाई में शामिल होना चाहिए.

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