इन अभियानों में कुल 265 लोगों की गिरफ्तारी भी हुयी है. इसके अलावा पिछले एक वर्षों में एसएसबी व बीएसएफ ने भी कई अभियान चलाकर हजारों की संख्या में गायों को सीमा पार बांग्लादेश जाने से बचाया है. सिलीगुड़ी के रास्ते गायों को कूचबिहार तक पहुंचाने में तस्करों की हवा निकल रही है. इसी वजह से तस्करो ने अपना रूट बदल लिया है. सूत्रों ने बताया कि पहले पड़ोसी राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड के कई इलाकों से गायों को बिहार-बंगाल सीमांत किशनगंज या दालखोला में जमा किया जाता था. उसके बाद गायों को उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर पहुंचाया जाता था. फिर यहां से गायों को ट्रकों में भरकर विधान नगर के रास्ते कूचबिहार के लिये रवाना किया जाता था. हाल के कुछ वर्षों में प्रतिदिन गायों से लदे 10 से 15 ट्रकें कूचबिहार के लिये भेजी जाती थी. गाय तस्करी का मार्ग बदलने के बाद से मवेशियों को किशनगंज या दालखोला में ही इक्ठा किया जाता है. गायों से लदे ट्रक अब यहां से उत्तर दिनाजपुर व मालदा से सटे अंतराष्ट्रीय सीमांत इलाकों की ओर रवाना किये जाते हैं. दालखोला के मल्लिकपुर से करनदिघि, रायगंज, इटाहार, कालियाचक, मालदा व जंगीपुर से होकर गायों को सीमापार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है.
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सिलीगुड़ी में सख्ती के बाद गाय तस्करों ने बदला रूट
सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग जिला पुलिस और सीमा पर तैनात एसएसबी व बीएसएफ के लगातार अभियान से घबराकर गाय तस्करों ने एक नया मार्ग ढूंढ़ निकाला है. कूचबिहार के बदले अब मालदा व उत्तर दिनाजपुर से सटे सीमांत इलाकों से गायों को सीमा पार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) […]
सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग जिला पुलिस और सीमा पर तैनात एसएसबी व बीएसएफ के लगातार अभियान से घबराकर गाय तस्करों ने एक नया मार्ग ढूंढ़ निकाला है. कूचबिहार के बदले अब मालदा व उत्तर दिनाजपुर से सटे सीमांत इलाकों से गायों को सीमा पार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व दार्जिलिंग जिला पुलिस की सख्ती से सिलीगुड़ी के रास्ते कूचबिहार जिले से सटे सीमांत इलाके से गाय की तस्करी पर काफी हद तक कमी आयी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्षों में दो सौ ट्रक सहित करीब दस हजार गायों को जब्त किया गया है.
एक ट्रक में करीब 35 पशु लदे होते हैं : सूत्रो के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार एक ट्रक में 30 से 35 मवेशियों को लादकर सीमांत तक पहुंचाया जाता है. फिर रात के अंधेरे में मवेशियों को सीमापार करा दिया जाता है. इस नये रास्ते से रोजाना मवेशियों से भरे दस ट्रक सीमा तक जा रहे हैं. उत्तर दिनाजपुर स्थित दालखोला के फ्लावर मील इलाके में सरेआम दिन-रात यह अवैध कारोबार जारी है. गाय तस्करी का यह गोरखधंधा खुलेआम होने के बाद भी उत्तर दिनाजपुर जिला पुलिस कानों में तेल डालकर सो रही है. उत्तर दिनाजपुर व मालदा जिला स्थित अंतराष्ट्रीय सीमांत से इस अवैध व्यापार के शुरु होने से सीमा की चौकसी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
मालदा के एसपी ने किया इंकार
हांलाकि इस संबंध में मालदा जिला पुलिस अधीक्षक अर्णव घोष ने बताया कि मालदा जिले से गायों की तस्करी नहीं हो रही है. इससे जुड़ा एक भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है. पुलिस सीमांत से सटे प्रत्येक गांव पर लगातार कड़ी निगरानी रख रही है.
जारी है कार्रवाई : राठौर
उत्तर दिनाजपुर जिला पुलिस अधीक्षक अमित राठौर ने बताया कि गाय तस्करी के खिलाफ जिला पुलिस पूरी सख्ती बरत रही है. सूचना के आधर पर तस्करी के गायों को जब्त किया जा रहा है. हाल ही में मवेशियों के साथ ट्रक को जब्त किया गया है.
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