लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आज यहां कहा कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी ’वैलेंस आफ पावर’ की भूमिका में होगी तो बसपा धर्मनिरपेक्ष दलों का समर्थन लेकर सरकार बनायेगी मगर किसी भी कीमत पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के साथ नहीं जायेगी.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा करते हुए मायावती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ’’ वे उत्तर प्रदेश में तीन बार भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बना चुकी है और अब तक उसकी रीति नीति और सोच में कोई बदलाव नहीं आया है इसलिए मगर बसपा ’ वैलेंस आफ पावर ’ की भूमिका में आयी तो भाजपा और उसके सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार कतई नहीं बनायेगी.’’ उन्होंने कहा कि पूरा प्रयास होगा कि इस लोकसभा चुनाव में बसपा अधिक से अधिक सीटें जीत कर ’ वैलेंस आफ पावर ’ के रुप में उभरे.उन्होंने कहा कि अगर बसपा मजबूत स्थिति में उभर कर आयी और केंद्र सरकार में सरकार बनाने का कोई अवसर मिला तो वे उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही केंद्र में भी ’सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ के सिद्धांत पर ही सरकार बनायेगे.
नरेन्द्र मोदी के बनारस और मुलायम सिंह यादव के आजमगढ से चुनाव लडने के बारे में मायावती ने कहा कि उनका मानना है कि पूर्वाचल से इन दोनो नेताओं के लडने का फैसला दोनो दलों की सोची समझी साजिश और षडयंत्र का हिस्सा है ताकि चुनाव में हिन्दू मुस्लिम रंग दिया जा सके.उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम दोनो समुदायों के लोगो से पुरजोर अपील की कि वे सपा और भाजपा के षडयंत्र को कामयाब न होने दें.साथ ही साथ चुनाव आयेाग से भी अपील की कि वह इन दोनो पार्टियों पर पैनी नजर रखे अन्यथा प्रदेश का माहौल खराब हो सकता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या ममता बनर्जी और जयललिता से सीटो के तालमेल और गठबंधन को लेकर कोई बातचीत हुई, मायावती ने कहा कि जब हमने जिन राज्यों में भी हमारा संगठन मजबूत है अकेले ही चुनाव लडने का फैसला लिया है तो बातचीत का सवाल ही कहां पैदा होता.मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अपने बलबूते पर लडेगी.पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं. टिकटों के बंटवारे में इस बार भी सर्वसमाज के उचित प्रतिनिधित्व देते हुए 80 में से 17 सुरक्षित सीटों पर अनुसूचित जातियों को, शेष 63 में 15 सीटों पर पिछडों, 19 सीटों पर मुस्ल्मिों को, 21 सीटों पर ब्राह्मणों को, आठ सीटों पर क्षत्रियों को तथा 29 सीटों पर अन्य अगडी जातियों के लोगों को मैदान में उतारा गया है. साथ ही साथ महिलाओं को भी सात टिकट दिये गये हैं.
उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा के चुनाव गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद पर अंकुश लगाने के मुद्दों के बजाय धर्मनिरपेक्षता और साम्प्रदायिक ताकतों के बीच होता दिख रहा है. बसपा साम्प्रदायिक सोच रखने वाली भाजपा और सहयोगी दलों को सत्ता में आने से रोकने के लिये पूरी ताकत लगा देगी.
मायावती ने यह भी कहा कि हर स्तर पर असफल रहे कांग्रेस नीत संप्रग को भी केंद्र में वापस नहीं आने दिये जाएगा, जिसके शासनकाल में गरीबी, भ्रष्टाचार, महंगाई बडे पैमाने पर बढा है और हर वर्ग दुखी नजर आया.उन्होंने उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी :सपा: को भी लपेटे में लिया और कहा कि सूबे में इस पार्टी का अब तक का शासनकाल, खासकर कानून-व्यवस्था और विकास के मामले में बहुत खराब रहा है. बसपा का पूरा प्रयास रहेगा कि इस बार चुनाव में केंद्र में सही पार्टी के नेतृत्व में ही ‘सर्वजन हिताय व सुखाय’ की नीति वाली सरकार बने.
मायावती ने कहा कि वह पूरे देश में बसपा के प्रचार का अभियान 22 मार्च से शुरु करेंगी जो नौ मई तक जारी रहेगा.उत्तर प्रदेश में इसकी शुरुआत तीन अप्रैल से बिजनौर में जनसभा के जरिये की जाएगी.उन्होंने कहा कि वह प्रचार अभियान का लगभग 90 प्रतिशत समय उत्तर प्रदेश में ही देंगी.
बसपा प्रमुख ने खुद के आजमगढ की लालगंज सीट से, वाराणसी से बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र और आजमगढ से नसीमुद्दीन सिद्दीकी के चुनाव लडने की मीडिया में आयी खबरों का जोरदार खण्डन किया और कहा कि आजमगढ से शाह आलम, लालगंज से बसपा के सांसद डाक्टर मनिराम तथा वाराणसी से विजय प्रकाश जायसवाल के टिकट पहले ही तय किये जा चुके हैं और इन सीटों पर कोई बदलाव नहीं किया जायेगा.