विजय बहादुर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले हैं, इस बार जनता ने परिवारवाद पर भी जमकर चोट किया है. कई चर्चित चेहरे जो बड़े नामों से जुड़े हैं, उन्हें जनता ने नकार दिया है. इससे यह बात स्पष्ट हो गयी है कि जनता सिर्फ परिवार के नाम पर वोट देने वाली नहीं […]
विजय बहादुर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले हैं, इस बार जनता ने परिवारवाद पर भी जमकर चोट किया है. कई चर्चित चेहरे जो बड़े नामों से जुड़े हैं, उन्हें जनता ने नकार दिया है. इससे यह बात स्पष्ट हो गयी है कि जनता सिर्फ परिवार के नाम पर वोट देने वाली नहीं है, नेता पुत्र/पत्नी/बहू की अपनी योग्यता बहुत मायने रखती है.
इस चुनाव में लखनऊ से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें एक बार भी बढ़त नहीं मिली, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आयीं रीता बहुगुणा ने उनपर बड़ी बढ़त बनायी हुई है.
राहुल यादव जोकि लालू यादव के दामाद हैं, वे सिंकदराबाद सीट से पिछड़ रहे हैं और नंबर तीन पर उन्हें जगह मिली है. जनता ने उनके पक्ष में अपना मत नहीं दिया है. सरोजिनी नगर से उम्मीदवार अनुराग यादव जो कि अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं, वे भी जनता की पहली पसंद नहीं बन पाये हैं और भाजपा उम्मीदवार स्वाति सिंह से पिछड़ रहे हैं.
सपा के साथी रहे कौमी एकता दल के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी इस चुनाव में बसपा के साथ हैं. मुख्तार अंसारी के बेटे बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने घोसी विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन जनता ने उनका साथ नहीं दिया और वे भी भाजपा के फागू चौहान से पिछड़ रहे हैं. हालांकि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वरा से आगे चल रहे हैं, लेकिन इसे अपवाद माना जायेगा.