29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

PM@BHU : ”अंदर के विद्यार्थी को कभी मरने ना दें, जिज्ञासा बनाये रखें”

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बनारस हिंदू विश्‍वविद्यज्ञय में आयोजित दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कहा कि जिज्ञासा कभी मरनी नहीं चाहिए. जिज्ञासा समाप्त हो जायेगी तो जीवन में ठहराव आ जायेगा. उन्होंने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो बीज बोया था वह आज एक विशाल वृक्ष बन गया है. […]

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बनारस हिंदू विश्‍वविद्यज्ञय में आयोजित दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कहा कि जिज्ञासा कभी मरनी नहीं चाहिए. जिज्ञासा समाप्त हो जायेगी तो जीवन में ठहराव आ जायेगा. उन्होंने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो बीज बोया था वह आज एक विशाल वृक्ष बन गया है. दूरदर्शी व्यक्ति की यही पहचान होती है. 1916 में बीएचयू की स्थापना हुई थी. मालवीय जी ने गुलामी के उस काल खंड में राष्‍ट्र के भावी सपनों को बुना. पंडित जी ने आजाद हिंदुस्तान के रूप रंग की उसी समय कल्पना कर ली थी. मोदी ने कहा कि अंग्रेज यहां शिक्षा प्राप्त करते थे. वे भी युनिवर्सिटी की स्थापना कर रहे थे, लेकिन उनका ध्यान मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों पर था.

मोदी ने कहा कि जो काम महामना जी ने किया उसके करीब 15-16 साल बाद गांधी जी ने गुजरात विद्यापीठ के रूप में किया. दोनों देश के लिए नौजवान तैयार करने के लिए इसकी स्थापना की थी. महामना जी ने जिसकी शुरुआत की हमारे देश के अनगिनत महापुरुषों ने 100 साल से अधिक समय तक इसे सिंच कर यहां तक पहुंचाया है. इस महान कार्य को पूरा करने में जिन-जिन महानुभावों का योगदान है उन्हें आज नमन करता हूं.

मोदी ने कहा कि एक शताब्दी में लाखों युवक-युवती यहां से निकले हैं और वे जीवन के किसी ना किसी क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं. भारत में शायद एक काल खंड ऐसा था कि कोई व्यक्ति चांद पर भी पहुंचता था या किसी भी क्षेत्र में प्रगति करता था तो वह सीना तान कर कहता था कि मैं बीएचयू का स्टूडेंट हूं. सदियों पहले जिस प्रकार हम नालंदा जैसी युनिवर्सिटी पर गर्व करते थे आज हम उसी प्रकार बीएचयू पर गर्व करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि योग कोई नयी चीज नहीं है. भारत में सदियों से योग की परंपरा चली आ रही है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में योग को जिज्ञासा से देखा जाता था, लेकिन किसी ने सोचा नहीं होगा कि हमारे योग को एक दिन पूरी दुनिया अपनायेगी. यह दीक्षांत समारोह है, कभी भी मन में ना लायें कि यह शिक्षांत समारोह है. इसे शिक्षा के आरंभ का समारोह माना जाना खहिए. यह शिक्षा के अंत का समारोह नहीं होना चाहिए.

मोदी ने कहा कि हमें अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं देना चाहिए. जो जीवन के अंत तक विद्यार्थी रहने की कोशिश करता है उसके भीतर का विद्यार्थी हमेशा जीता रहता है. मोदी ने कहा कि बीएचयू में पढ़ना गौरव की बात है. जिज्ञासा विकास की जड़ों को मजबूत करती है. जिज्ञासा खत्म हो जाती है तो जीवन में ठहराव आ जाता है. हर पल नया करने का उमंग ही हमें कामयाबी दिलायेगी. संकटों के सामने में घबराना नहीं चाहिए, उसके झेलने का सामर्थ अपनाना चाहिए.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि तत्कालीक चीजों से जब कोई हिल जाता है तो ज्ञान का प्रकाश ही हमें रास्ता दिखाता है. देश और दुनिया के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं. क्‍या उन चुनौतियों में भारत अपनी कोई भूमिका अदा कर सकता है. क्यों ना हमारे संस्थान, विद्यार्थी आने वाले विश्व को कुछ देने के सपने देखें. हमें कुछ ऐसा करने का प्रयास करना चाहिए कि आने वाले युग को फायदा हो. नये-नये अनुसंधान से देश की मदद करने के लिए हमरे नौजवान प्रयास करें. आदिवासियों में फैल रहे सिकल सेल अनिमिया के रोकथाम के लिए हमारे देश के नौजवान प्रयास करें. वे ज्यादा अच्छा कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें पता है अपने देश की परिस्थिति के बारे में. ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दंनिया चिंतित है. पूरी दुनिया 2 डिग्री तापमान कम करने के लिए कृतसंकल्प है. अगर यह नहीं हुआ तो कई शहर पानी में डूब जायेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें