।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः काम के अभाव में निठल्ले कहे जा रहे सूबे के 18 राज्यमंत्री मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कैबिनेट मंत्रियों पर दबाव बनाने में जुट गए हैं. जिसके तहत इन मंत्रियों ने शुक्रवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलकर उन्हें अपना दर्द बताया. इन लोगों ने सपा प्रमुख को बताया कि विभागीय कैबिनेट मंत्री ने ना तो उन्हें कोई कार्य आवंटित किया है और नाल ही वह हमारी सुनते हैं.
विभागीय अधिकारी भी उन्हें तबज्जों नहीं देते. बुलाने पर प्रमुख सचिव या सचिव उनसे मिलने नहीं आते. इस कारण राज्यमंत्री जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं और अखिलेश सरकार के निठल्ले राज्यमंत्री बनकर रह गए हैं. उनकी इस छवि को बदलने के लिए उन्हें अधिकार और काम दिलवाया जाए क्योंकि अब हम लोगों को देखते ही समाज में यह कहा जाने लगा है कि राज्यमंत्री की क्या पहचान लालबत्ती और चार जवान. मुख्यमंत्री के रुचि लेने पर ही कैबिनेट मंत्री उन्हें अधिकारी देंगे और कार्य आवंटित करेंगे. चूंकि मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान नहीं देख रहे है, इस कारण से विभागीय कैबिनेट मंत्री अपने राज्यमंत्रियों की लगातार उपेक्षा कर रहे हैं. अखिलेश सरकार के जूनियर मंत्रियों की इस पीड़ा से अवगत होने पर सपा प्रमुख ने उन्हें धैर्य रखने की सलाह दी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फोन कर राज्यमंत्रियों की समस्या को सुनकर उसका निदान करने का निर्देश दिया.
मंत्रियों के दर्द से सहानुभूति दिखाते हुए जहां सपा प्रमुख ने यह कार्रवाई की वही उन्होंने सभी राज्यमंत्रियों को लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया. सपा प्रमुख ने मिलने पहुंचे सभी राज्यमंत्रियों से कहा कि विभागीय अधिकारी मांगने के साथ ही वह क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाएं, ताकि लोकसभा चुनाव में बेहतर रिजल्ट प्राप्त हो. यदि लोकसभा चुनाव में अच्छा परिणाम नहीं आया तो मंत्री बनने का क्या मतलब रहेगा ? मुलायम सिंह ने यह भी कहा कि हर राज्यमंत्री को कम से कम दो लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जो मंत्री अपने क्षेत्र के प्रत्याशी को जिता नहीं पाएंगा, तो उसके भविष्य के बारे में वह जरूर सोचेंगे. कहा जा रहा है कि सपा नेताओं के अनुसार मुलायम सिंह के इस कथन के बाद राज्यमंत्रियों की बोलती बंद हो गई.
यह देख सपा प्रमुख ने सभी राज्यमंत्रियों को मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को उन्हें बताने को कहा. मुलायम सिंह के इस निर्देश पर यह राज्यमंत्री सीधे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास पर पहुंचे, लेकिन मुख्यमंत्री वित्तीय प्रबंधन पर एक बैठक में हिस्सा लेने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने राज्यमंत्रियों को बताया गया कि मुख्यमंत्री दशहरा और बकरीद के अवकाश के बाद उनकी समस्याओं को सुनेंगे. मुख्यमंत्री की ओर से मिले इस आश्वासन से राज्यमंत्री गदगद हैं. इन लोगों को लगता है कि एक साथ मिलकर सपा प्रमुख को अपना दर्द बताने का असर हुआ. जल्दी ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभागीय कैबिनेट मंत्री कार्य आवंटितकरेंगे. यदि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करेंगे तो फिर सभी 18 राज्यमंत्री सपा प्रमुख से मिलेंगे.
सपा प्रमुख से मिलने वाले राज्यमंत्री
मनोज पांडेय, मनोज पारस, फरीद महमूद किदवई, शखलाल माझी, नतिन अग्रवाल, राममूर्ति वर्मा, नरेन्द्र वर्मा, शिवाकात यादव, चितरंजन स्वरूप, महबूब अली, शाहिद मंजूर, कमाल अख्तर, पवन पांडेय, मान सिंह चौहान, राजीव कुमार सिंह, आरके आर्या, मान सिंह चौहान.