लखनऊ: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में कतिपय खामियों का उल्लेख करते हुए इस संबंध में उनसे व्यक्तिगत ध्यान देने की अपेक्षा की है.मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रमेश ने उन्हें सूचित किया कि हाल ही में मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार को जारी 431.5 करोड़ रुपये की धनराशि से लेकर अब तक कुल 2696 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है.
उन्होंने प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में खामियों का जिक्र करते हुए कहा है कि इस सूबे में वित्त वर्ष 2013-14 में इस योजना के तहत कार्यरत लोगों की संख्या केवल 24 प्रतिशत है जो अनिवार्य स्तर 33 प्रतिशत से काफी कम है. रमेश ने कहा कि उत्तरप्रदेश में मनरेगा के तहत औसतन 22 दिन का काम ही मिल पाया है जबकि राष्ट्रीय औसत 28 दिन है.
उन्होंने ग्राम पंचायतों में इस योजना के तहत मजदूरी के भुगतान के लिए शुरु की गयी इलेक्ट्रानिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के क्रियान्वयन में भी उत्तर प्रदेश को शिथिल बताते हुए कहा है कि सूबे के 75 जिलो में से यह प्रणाली अब तक केवल 11 जिलों में लागू हुई है जबकि ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में यह प्रणाली सभी जिलों में लागू की जा चुकी है.
रमेश ने कहा है कि मनरेगा के तहत लघु एवं सीमान्त किसानों के खेतों पर केवल 14 प्रतिशत काम हो रहा है जो बहुत कम है. केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे मनरेगा के क्रियान्वयन में उक्त बिन्दुओं पर व्यक्तिगत ध्यान दें ताकि इस प्रदेश में इसका पूरा लाभ जनता तक पहुंचाया जा सके.