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बाबू सिंह की पत्नी और भाई सपा की शरण में

-राजेंद्र कुमार- लखनऊ. करोड़ो रुपयों के एनआरएचएम घोटाले में मुख्य आरोपी राज्य के पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी सुकन्या और भाई शिवसरन कुशवाहा को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी शरण में ले लिया है. राज्य के कारागार मंत्री एवं सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी की मौजूदगी में शनिवार को सुकन्या और शिवसरन कुशवाहा […]

-राजेंद्र कुमार-

लखनऊ. करोड़ो रुपयों के एनआरएचएम घोटाले में मुख्य आरोपी राज्य के पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी सुकन्या और भाई शिवसरन कुशवाहा को समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी शरण में ले लिया है.

राज्य के कारागार मंत्री एवं सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी की मौजूदगी में शनिवार को सुकन्या और शिवसरन कुशवाहा ने सपा की सदस्यता ग्रहण की. बाबू सिंह कुशवाहा के इन परिजनों को सपा में शामिल कराते हुए राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि इन दोनों के सपा में आने से पार्टी की ताकत बढ़ेगी और आगामी लोकसभा चुनावों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

शनिवार को बाबू सिंह कुशवाहा के इन परिजनों को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के समक्ष पार्टी में शामिल किया जाना था पर ऐन मौके पर मुलायम सिंह यादव की जगह राजेन्द्र चौधरी सुकन्या और शिवसरन को लेकर पत्रकारों के समक्ष आये.

मुलायम सिंह यादव के ना आने को लेकर पूछे गए सवालों पर राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि नेताजी के निर्देशपर ही सुकन्या और शिवसरन यादव को सपा में शामिल किया जा रहा है. राजेन्द्र चौधरी ने यह भी कहा कि बाबू सिंह कुशवाहा के इन परिजनों के खिलाफ कोई आरोप नहीं है.

इन्हें बाबू सिंह कुशवाहा से मत जोड़े. यदि शिवसरन कुशवाहा बसपा सरकार में बदनाम हुए बाबू सिंह कुशवाहा के भाई हैं तो क्या हुआ, वह किसी अपराधिक मामले में तोलिप्तनहीं हैं.

फिलहाल यूपी में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी माने गए बाबू सिंह कुशवाहा के इन ‍परिजनों को सपा में शामिल कराने के बाबत मुलायम सिंह यादव के निर्णय

को लेकर कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता हैरान नहीं है.

मुलायम सिंह यादव पहले भी लीक से हटकर फैसले लेते रहे हैं. उन्होंने ही दस्यु सुंदरी फूलन देवी को राजनीति में लाने की ना सर्फि हम्मित की थी बल्कि मिर्जापुर

से चुनाव लड़ाकर सांसद बनवाया था. फिर उन्होंने दस्यु सरगना ददुआ के भाई बाल कुमार को लोकसभा चुनाव लड़ाकर संसद भेजा. अब उन्होंने बाबू सिंह कुशवाहा के परिजनों को सपा में शरण दे दी. बसपा से सियासत की शुरूआत करने वाले बाबू सिंह कुशवाहा की पिछडे़ वर्ग में खासकर कुशवाहा, मौर्या बिरादरी में पैठ मानी जाती है.

बसपा से बाबू सिंह कुशवाहा के रिश्तोंमें खटास और फिर एनआरएचएम घोटाले में गिरफ्तारी के बाद कुशवाहा का परिवार ‘जन अधिकार मंच’ के जरिए राजनीति में सक्रिय थे. विधानसभा के बीते चुनावों में उन्होंने भाजपा का हाथ थामा था पर यह साथ लंबा नहीं चला. ऐसे में जबबाबू सिंह कुशवाहा के परिवार के लोगों ने सपा के कुछ नेताओं के साथ संपर्क साधा और पार्टी में शामिल होने की ख्वाहिश जतायी है तो सपा प्रमुख ने कुशवाहा व मौर्य बिरादरी को पार्टी से जोड़ने के लिए उन्हें अपने साथ लेने का संकेत दे दिया और शनिवार को तीन हजार से अधिक समर्थकों के साथ सपा मुख्यालय पहुंचे शिवसरन और बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी सुकन्या कुशवाहा को सपा में शामिल कर लिया गया. आगामी लोकसभा चुनावों में सपा इन्हें चुनाव लड़ाएगी या नहीं ?

पत्रकारों के इस सवाल पर राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पार्टी ने अभी इस संबंध में नर्णिय नहीं लिया है पर इतना तय है कि आगामी चुनावों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

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