-आजम खां और कल्वे जव्वाद के बीच जंग हुई तीखी-
।। राजेन्द्र कुमार ।।
अखिलेश सरकार के वरिष्ठतम मंत्री मोहम्मद आजम खां और शिया धर्म गुरू मौलाना कल्वे जव्वाद का झगड़ा तीखा होता जा रहा है. शनिवार को आजम खां ने मौलाना का नाम लिए बिना ही उन पर कई गंभीर आरोप लगाए. आजम खां के अनुसार यूपी में वक्फ की संपतियों को गलत तरीके से बेचा गया है और मैं वक्फ संपतियों को बचाने का काम किया है. आजम चाहते हैं कि सीबीआई से बीते दस वर्षो में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा बेची गई संपतियों की जांच करायी जाए, पर अखिलेश सरकार ने यह मांग अब तक नहीं मानी तो फिर शनिवार को उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग पूरी करने का आग्रह किया है.
आजम खां के इस कदम की शिया धर्म गुरू कल्वे जव्वाद ने निंदा की है. उन्होंने कहा है कि सपा सरकार को आजम खां जैसे वजीर के इशारे पर काम करना मंहगा पड़ेगा. लोकसभा के चुनावों में जो झटका सपा को लगा था, उससे भी बड़ा झटका उसे अगले विधानसभा के चुनावों में लगेगा. शिया धर्म गुरू कल्वे जव्वाद और आजम खां के बीच करीब डेढ़ साल से तनातनी चल रही है. आजम खां का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड को लेकर मौलाना गलतफहमी पैदा कर रहे हैं. ऐसा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है जैसे कि सरकार वक्फ बोर्ड में अपने चहेतों को बिठाना चाह रही है. हकीकत यह है कि वक्फ बोडल का चुनाव होगा तथा उसमे सरकार जरा भी हस्तक्षेप नहीं करेगी. वहां के चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है. इसलिए सरकार चुनाव करा रहे है, जिसकी इच्छा हो वो चुनाव लड़ ले. लेकिन मौलाना को सरकार का यह निर्णय मंजूर नहीं है. आजम खां का आरोप है कि मौलाना कल्वे जव्वाद अपने बहनोई को वक्फ का चेयरमैन बनवाना चाहते हैं पर मैंने उनकी मंशा पूरी नहीं की, जिसके चलते वह मेरा और सपा सरकार का विरोध कर रहे हैं.
आजम खां ने मौलाना कल्वे जव्वाद का नाम लिए बगैर उनके लिए अरबी के शब्द ‘काजिब’ का भी प्रयोग किया जिसका अर्थ झूठा होता है. आजम ने कहा कि मौलाना ने रमाजान के पवित्र माह में मेरे खिलाफ जिस प्रकार के शब्दों को प्रयोग किया है वह बेहद शर्मनाक है. मेरा मानना है कि भाजपा के नेताअोओं को खुश करने के लिए ही मौलाना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मौलाना पर यह आरोप लगाते हुए आजम खां ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि पाक लिबास के ऊपर कोई उंगली उठे पर मजबूरी में उन्हें सामने आना पड़ा है. आजम ने कहा कि उनके ऊपर जिस प्रकार के आरोप लगाए गए हैं वैसे आरोप उन पर दुश्मन भी नहीं लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक मजहबी व्यक्ति का गलतबयानी करना, लोगों को उकसाना तथा कानून को हाथ में लेना निन्दनीय है. आजम खां ने लखनए में मुस्लिम वुवकों पर लाठी चलवाने के आरोप को निराधार बताया है.
आजम खां के इन आरोपों से तमाम मुस्लिम धर्म गुरू खफा हो गए है. उनका कहना है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को आजम खां को समझाना चाहिए, आजम खां को किसी धर्म गुरू पर आरोप लगाने का अधिकार नहीं है. सूबे के मुस्लिम धमल गुरूओं के इस रूख से साफ हो रहा है कि अभी आजम और कल्वे जव्वाद के बीच चल रही जंग और तेज होगी और यदि सपा प्रमुख ने समय रहते इस पर विराम नहीं लगाया तो उसका नुकसान पार्टी को ही होगा.