लखनऊ: बसपा मुखिया मायावती ने जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 को लेकर छिडी चर्चा के बीच केंद्र में सत्तारुढ नरेन्द्र मोदी सरकार को आगाह किया है कि जल्दबाजी में कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए, जिससे देश की एकता और अखण्डता के लिए कोई खतरा पैदा होता हो.
मायावती ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘केंद्र को यदि जम्मू कश्मीर के न्यायपूर्ण हित और विकास के लिए धारा 370 हटाना जरुरी भी लगता हो, तो भी जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे देश की एकता अखण्डता के लिए खतरा पैदा हो जाये.’’उन्होंने कहा कि यह विवाद विभिन्न धर्म जाति के लोगों में विवाद पैदा करने के लिए जानबूझकर खडा किया गया है. इस सवाल पर कि इस मुददे पर बसपा की नीति क्या है, मायावती ने कहा कि पहले केंद्र सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे.
बसपा मुखिया ने मोदी सरकार की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जहां तक केंद्र में मोदी सरकार की नैतिक बातों और सुझावों का सवाल है वह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं पड रहा है.’’ उन्होंने कहा कि मोदी के शपथ ग्रहण के मौके पर जिन देशो के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया, खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तो नई बात क्या हुई.मायावती ने कहा, ‘‘नवाज शरीफ से यही कहा गया कि आतंकवाद और संवाद साथ साथ नहीं चल सकते . इसमें नया क्या है, इससे पहले की सरकारें भी यही बात कहती रही हैं.’’
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर उठे विवाद पर बसपा मुखिया ने कहा, ‘‘सवाल कम या ज्यादा पढे लिखे का नहीं है . सवाल यह है कि क्या ऐसी महिला को मंत्री बनाना चाहिए था, जिसमें अपने शपथ पत्र में गलत तथ्यों की जानकारी दी हो.’’ लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस घोषणा की ओर ध्यान दिलाते हुए कि लोकसभा चुनाव के बाद संसद को आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगो से मुक्त करायेंगे, मायावती ने कहा, ‘‘मोदी की मंत्रिपरिषद में 30 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं . यह बात एडीआर (एसोशिएसन फार डेमोकेट्रिक रिफार्म) ने सांसदों के शपथ पत्रों में दी गयी जानकारी के आधार पर दी है. ’’ मायावती ने सवालों के जवाब में कहा कि विदेशी बैकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए एसआईटी का गठन करके केंद्र सरकार ने सही दिशा में कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि विदेशी बैंको में जमा देश का काला धन वापस लाया जाना चाहिए, और उसे गरीबों के हित में खर्च किया जाना चाहिए.