लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केंद्र में ‘सरकार बनाने के लिए’ वह भाजपा या उसकी अगुवाईवाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) से समर्थन नहीं लेंगी. अलबत्ता उन्होंने कांग्रेस या उसके नेतृत्ववाले संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) से सहयोग लेने की संभावना से इनकार नहीं किया.
मायावती ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता संतुलन के नये केंद्र के रूप में उभरेगी. बसपा किसी मोरचे में शामिल नहीं होगी और लोकसभा चुनाव में वह इतनी सीटें जीत जायेगी कि उसे धर्मनिरपेक्ष ताकतों को खुद से जोड़ने का दमखम हासिल होगा. उन्होंने कहा, ‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी राजनीतिक दल केंद्र में अपने बलबूते पर सरकार नहीं बना सकेगा.
उम्मीद है कि पार्टी अकेले उत्तर प्रदेश के बलबूते पर ही केंद्र में सत्ता का संतुलन बन कर उभरेगी.’ यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस या संप्रग उन्हें सहयोग करके प्रधानमंत्री पद की पेशकश करता है तो बसपा क्या करेंगी, उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी भावी रणनीति का खुलासा नहीं करूंगी. कुछ तो नतीजों पर भी छोड़ दीजिये.’ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर जाति आधारित राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी किसी भी पिछड़ी जाति से सम्बन्ध नहीं रखते. यही वजह है कि तमाम बार पूछे जाने के बावजूद भाजपा नेता ने अपनी जाति नहीं बतायी.