।।राजेन्द्र कुमार ।।
लखनऊ. सूबे की अखिलेश सरकार ने चुनावी प्रक्रिया के बीच मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए एक नया दांव चला है. अखिलेश सरकार सरकार चाहती है कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स के मौके पर 6 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित हो. चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सीधे यह निर्णय नहीं ले सकते. इसलिए उन्होंने अवकाश घोषित करने के लिए निर्वाचन आयोग से अनापत्ति मांगी है.
पहले से ही मुस्लिम समाज को खुश करने में लगी अखिलेश सरकार ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही सरकारी अवकाशों की संख्या बढ़ाई है. अब चुनावी संघर्ष के बीच सरकार को ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स की याद आ गई. तो आनन फानन में सूबे की सरकार ने आगामी 6 मई को होने वाले सालाना उर्स के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए निर्वाचन आयोग से स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है. अब तक आयोग ने सूबे की सरकार के प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सरकार के इस प्रस्ताव को विपक्ष ने मुस्लिम समाज को लुभाने का दांव बताया. कांग्रेस के नेताओं ने भी सपा सरकार के इस प्रस्ताव की निंदा की तो सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं को सपा के इस निर्णय पर बोलने का हक नहीं है. कांग्रेस ने तो मुस्लिम समाज को आरक्षण का लालीपाप पकड़ाने का प्रयास बीते दिनों किया था. कांग्रेसी नेताओं को सत्ता में रहते हुए मुस्लिम समाज की बदहाली का ख्याल नहीं आया था और चुनाव प्रक्रिया चलते के दौरान मुस्लिम समाज को सत्ता में आने पर आरक्षण देने की घोषणा कांग्रेसी नेताओं ने की. जबकि सपा सरकार चुनाव के मध्य पड़ रहे ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के सलाना उर्स पर अवकाश घोषित इसलिए करना चाहती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उर्स में शामिल हो सकें.