लखनऊ: केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने गुजरात में महिला जासूसी प्रकरण की जांच के लिये न्यायिक आयोग बनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए आज विवादित ढांचा विध्वंस और गोधरा कांड के आरोपियों को सजा दिलाने के वास्ते फास्ट ट्रैक अदालतें गठित किये जाने की मांग की.
वर्मा ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा बातचीत में यह भी कहा कि निचली अदालत ने जिस मामले में मोदी को क्लीनचिट दी है, उसकी फिर से जांच होनी चाहिये.उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे पर उनके सहयोगी अमित शाह द्वारा एक महिला की जासूसी कराये जाने की जांच के लिये न्यायिक आयोग बनाने का फैसला किया है. इसका हम स्वागत करते हैं.
वर्मा ने कहा कि बाबरी ढांचा विध्वंस हुए 22 साल गुजर गये और गोधरा कांड को 12 साल बीत गये लेकिन इन मामलों के एक भी आरोपी को सजा नहीं मिली। इन मामलों के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिये फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की जानी चाहिये. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2002 से 2006 के बीच गुजरात में फर्जी मुठभेड के कई मामले हुए, उनके आरोपियों को सजा मिलने में देर क्यों हो रही है.उन्होंने एक सवाल पर कहा कि अदालत ने गुजरात दंगों के एक मामले में मोदी को क्लीनचिट नहीं दी है. उसने कहा है कि मामले में मोदी के खिलाफ सुबूत नहीं हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि मोदी को क्लीनचिट मिल गयी है. इस मामले की फिर से जांच होनी चाहिये.