चक्रधरपुर : 2016 बीत गया. यह वर्ष चक्रधरपुर के लिए मिश्रित रहा. वर्ष 2016 शहर के लिए कई उपलब्धियों भरा रहा, तो कुछ हादसों को भूल जाना ही बेहतर होगा. एक नजर इन्हीं खट्टी-मीठी यादों पर.
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वर्षांत 2016 : शुरू हुआ ओवरब्रिज का निर्माण
चक्रधरपुर : 2016 बीत गया. यह वर्ष चक्रधरपुर के लिए मिश्रित रहा. वर्ष 2016 शहर के लिए कई उपलब्धियों भरा रहा, तो कुछ हादसों को भूल जाना ही बेहतर होगा. एक नजर इन्हीं खट्टी-मीठी यादों पर. ओवरब्रिज का निर्माण : वर्ष 2016 शहर की सबसे बड़ी उपलब्धि पर नजर डाली जाये, तो सबसे बड़ा काम […]
ओवरब्रिज का निर्माण : वर्ष 2016 शहर की सबसे बड़ी उपलब्धि पर नजर डाली जाये, तो सबसे बड़ा काम ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू होना है. करीब 34 सालों से ओवरब्रिज का निर्माण कार्य रुका हुआ था. 2016 में इसका निर्माण कार्य केवल प्रारंभ ही नहीं हुआ, बल्कि अंतिम पायदान की ओर भी अग्रसर भी है.
गिलुवा बने प्रदेश अध्यक्ष : सियासत के क्षेत्र में यह साल इसलिए याद किया जायेगा कि सांसद लक्ष्मण गिलुवा को भापजा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. चक्रधरपुर के इतिहास में इससे पहले किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता या सदस्य प्रदेश अध्यक्ष नहीं बना था. इसलिए 2016 राजनीतिक के क्षेत्र में चक्रधरपुर को एक उपलब्धि दे गया.
सीसीटीवी कैमरे लगे : चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन और शहर के कई प्रमुख स्थानों पर इस वर्ष सीसीटीवी लगे. इससे अपराध का ग्राफ काफी कम हुआ. प्लेटफॉर्म पर लगे सीसीटीवी कैमरे से कई अपराध घटनाअाें के खुलासा भी हुए. शहर में त्योहारों के अवसर पर सीसीटीवी कैमरे काफी कारगर साबित हुए.
एक भी ट्रेन डकैती नहीं हुई : रेलवे के लिए यह वर्ष इसलिए उपब्धि भरा रहा कि पूरे साल एक भी ट्रेन डकैती नहीं हुई. जबकि चक्रधरपुर रेल मंडल इस मामले में बदनाम रहा करता था. खास तौर पर चांडिल और चक्रधरपुर की बीच गोमो-आद्रा पैसेंजर में डकैती के वारदात सबसे अधिक होते थे.
शिक्षक समागम : 2016 का सबसे आनंदित कार्य शिक्षक समागम का आयोजन रहा. पहली बार राज्य सरकार ने शिक्षकों को खेलने और मौज-मस्ती का मौका दिया.
इन दिनों को भूल जाना ही बेहतर
वर्ष 2016 कुछ बुरे वक्त को भी लेकर आया, जिसे भूल जाना ही बेहतर है. 3 जनवरी की रात में गुदड़ी बाजार की 27 दुकानों में आग लगा दी गयी, जिससे शहर का सौहार्द बिगड़ गया था. वहीं झामुमो के बंद के दौरान एक वाहन चालक की हत्या कर दी गयी थी, इसके बाद माहौल गमगीन हो गया था. बेगूसराय के रेल ठेकेदार बलराम सिंह की हत्या सुपारी कीलरों ने कर दी थी. रेलवे स्टेशन क्षेत्र में उसे गोलियों से छलनी कर दी गयी थी, जिससे शहर का वातावरण खराब हुआ था.
दूसरी अोर 2016 में भी जेल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ. निर्माण कार्य बंद ही रहा. सिविल कोर्ट के लिए जमीन चयन के कार्य को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. नतीजतन चक्रधरपुर एक साल और पीछे चला गया. 2016 का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह रहा कि पूूरा साल लोगों को कतार में लगना पड़ा. कभी आधार पंजीकरण, कभी राशन कार्ड, कभी एटीएम में और कभी बैंकों में नोट जमा करने के लिए.
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