चाईबासा : पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीके पांडेय ने कहा है कि 2016 में सारंडा क्षेत्र नक्सलमुक्त होगा. किसी भी हाल में यहां विकास की गति बाधित नहीं होगी. जरूरत पड़ने पर विकास कार्य में लगे लोगों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी. नक्सल क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिित में विकास कार्यों को पूरा कराया जायेगा. डीजीपी शनिवार को चाईबासा में पत्रकारों से से बात कर रहे थे.
डीजीपी ने आमलोगों की सुरक्षा को पुलिस की पहली प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इस कड़ी में क्राइम का ग्राफ कम करने, अपराधियों को सजा दिलाने तथा लोगों को और बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है. डीजीपी ने पश्चिम सिंहभूम जिला के बंदगांव में ग्रामीणों द्वारा पुलिस को बंधक बनाये जाने की घटना को अफवाह करार दिया. कहा कि पुलिस सुरक्षा के लिए वहां तैनात थी. एसटीएफ कर रही बेहतर काम : डीजीपी ने कहा िक जमशेदपुर से अलकायदा के आतंकियों को खोज निकालने में एसटीएफ का अहम रोल रहा है. पिछले साल नवंबर माह में प्रदेश में एसटीएफ का गठन हुआ था, जिसका फायदा हमें जल्द ही नजर आया है. इस तरह के अपराधियों के खिलाफ आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.
जिलों में खुलेंगे साइबर थाने : डीजीपी ने कहा कि जल्द ही प्रत्येक जिले में साइबर पुलिस थाना खुलेगा. पिछले साल नवंबर माह में प्रदेश का पहला साइबर थाना खोला गया. साइबर अपराधियों की पर कड़ी नजर रहेगी. इस दौरान उनके साथ एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, एसटीएफ आइजी प्रवीण सिंह भी मौजूद थे.