चाईबासा : इन्द्रधनुष कार्यक्रम में बताया गया कि ‘‘उत्तरकाशी एक प्रधान तीर्थ स्थल है. यहां अनेकों प्राचीन मंदिर हैं. इनमें विश्वनाथजी का मंदिर तथा देवासुर संग्राम के समय छूटी हुई शक्ति (मंदिर के सामने का त्रिशूल) दर्शनीय हैं. एकादशरुद्र मंदिर भी बहुत सुंदर है. विश्वनाथजी के मंदिर के पास ही गोपेश्वर, परशुराम, दत्तात्रेय, भैरव, अन्नपूर्णा, रुद्रेश्वर और लक्षेश्वर के मंदिर हैं. विश्वनाथ मंदिर के दक्षिण में शिव-दुर्गा मंदिर हैं. इसके पूर्व जड़भरत का मंदिर है.
उत्तरकाशी भागीरथी, वरुणा और असि नदियों के मध्य में है. इसके पूर्व में वारणावत पर्वत पर विमलेश्वर महादेव का मंदिर है. कार्यक्रम प्रमुख स्वाति पोद्दार रही. मौके पर गौरव निषाद, शौर्य निषाद, सुमित पाल, आसना कुमारी, नेहा कुमारी, अंशिका कुमारी, प्रीति कुमारी, स्नेहा कुमारी, खुशबू सोनकर, मुस्कान ठाकुर, शोभा कुमारी दास, अंकित समेत अन्य लोग उपस्थित थे.