चाईबासा : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जगतभूषण प्रसाद ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में कुपोषण का ग्राफ सबसे ऊपर है. ग्राफ को कम करने के लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को धरातल पर काम करना है तथा कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर नजदीकी कुपोषण उपचार केंद्रों में लाना है, ताकि बच्चों की जिंदगी बचायी जा […]
चाईबासा : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जगतभूषण प्रसाद ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में कुपोषण का ग्राफ सबसे ऊपर है. ग्राफ को कम करने के लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को धरातल पर काम करना है तथा कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर नजदीकी कुपोषण उपचार केंद्रों में लाना है, ताकि बच्चों की जिंदगी बचायी जा सके.
डॉ प्रसाद ने शुक्रवार को पिल्लई हॉल में जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से
आयोजित जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषण सप्ताह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए किशोरियों को संतुलित व पौष्टिक पोषाहार देने को कहा. उन्होंने कहा कि किशोरियों को संतुलित आहार नहीं मिलने के कारण वे कमजोर हो जाती हैं तथा कम उम्र में शादी होने की स्थिति में उनके बच्चे भी कुपोषित हो जाते हैं. उन्होंने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की ग्रामीणों को जानकारी देने का निर्देश दिया.
कुपोषण की पहचान की दी जानकारी
कुपोषण उपचार केंद्र के प्रभारी डॉ जगन्नाथ हेंब्रम ने सेविकाओं को कुपोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान करने की जानकारी भी दि. उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से लेकर आयरन की गोली का सेवन करने व पौष्टिक आहार लेने से स्वस्थ बच्चे होने की जानकारी दी.
प्रसव के बाद बच्चों को छह माह तक मां का ही दूध पिलाने तथा उसके बाद ही मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देने को कहा. समारोह में सेविकाओं को कुपोषण से संबंधित फिल्म भी दिखायी गयी. समारोह में जिला समाज कल्याण विभाग के संख्यिकी सहायक रिजवान अहमद, सीडीपीओ ग्लोरिया एक्का, माला भगत, एलएस अनीता ज्योत्स्ना रुंडा समेत विभिन्न प्रखंडों के सीडीपीओ व आंगनबाड़ी सेविकाएं उपस्थित थे.