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पीड़ितों की आंखों से छलके आंसू
सिमडेगा : कार्यक्रम के दौरान उग्रवादी घटना में मारे गये लोगों के परिवार के सदस्यों ने इस खुले मंच पर अपने अपनी समस्यओं से पुलिस पदाधिकारियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को अवगत कराया. उन्होंने अपनी आपबीती भी सुनायी. इस दौरान कई पीड़ितों के आंखों से आंसू छलक आये. नम आंखों से पीड़ितों घटना की कहानी सुनायी […]
सिमडेगा : कार्यक्रम के दौरान उग्रवादी घटना में मारे गये लोगों के परिवार के सदस्यों ने इस खुले मंच पर अपने अपनी समस्यओं से पुलिस पदाधिकारियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को अवगत कराया. उन्होंने अपनी आपबीती भी सुनायी. इस दौरान कई पीड़ितों के आंखों से आंसू छलक आये.
नम आंखों से पीड़ितों घटना की कहानी सुनायी और प्रशासन से मदद की गुहार लगायी. भेड़ीकुदर निवासी मीना देवी ने बताया कि उसके पति सिलाई का काम करते थे. किंतु उग्रवादियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए वर्ष 2008 में हत्या कर दी. पति की हत्या के बाद काफी समस्या उत्पन्न हो गयी थी. किंतु बाद उन्हें नौकरी मिली और मुआवजा भी मिला. इसके बाद उनकी स्थिति सुधर गयी. अब वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखा रही हैं और जीवन यापन सुचारू रूप से चल रहा है. लीला देवी ने नम आंखों से कहा कि उनके पति दीन बंधु को पुलिस मुखबिर बता कर उग्रवादियों ने मार दिया. उनके समक्ष काफी समस्याएं हैं. बच्चों को पढ़ाना लिखाना चाहती हैं. किंतु समस्या बरकरार है.
विवयाना ने कहा कि उनके पति चमरा लोहरा को वर्ष 2003 में उग्रवादियों द्वारा मार दिया गया था. तीन बच्चे हैं. किसी प्रकार बच्चों को पढ़ा- लिखा रही हूं. किंतु आगे पढ़ाने की चिंता है. उन्हें सहायता की जरूरत है. लसिया निवासी संजय कुमार ने कहा कि उनके भाई पारा शिक्षक मनोज कुमार को पीएलएफआइ उग्रवादियों ने हत्या कर दी थी. इससे उनका परिवार बिखर गया. बोलबा निवासी मीरा देवी ने कहा कि उनके पति को 2009 में उग्रवादियों ने हत्या कर दी थी. उन्हें अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला और ना ही नौकरी मिली. उनकी स्थिति काफी दयनीय है. उन्हें सहायता की जरूरत है.
कोलेबिरा के बोंबोटोली निवासी शेख मुस्तफा ने कहा कि वर्ष 2011 में उसके पुत्र शेख शमीम की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी. उग्रवादियों ने एक लाख लेवी मांगी थी. नहीं देने पर उसकी हत्या कर दी गयी. ठेठइटांगर निवासी ललिता ने बताया कि वर्ष 2013 में उनके पति विनोद केसरी की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी. किंतु अब तक उन्हें कोई मुआवजा मिला और ना ही नौकरी मिली. मौके पर बानो की पुष्पा देवी, सुलोचना देवी, फरहीन बेगम, सुषमा देवी, बसंती देवी ने भी अपनी आपबीती सुनायी और प्रशासन से मदद की गुहार लगायी.
उग्रवाद खत्म होगा तभी होगा विकास : डीआइजी
डीआइजी रविकांत धान ने कहा कि जब तक उग्रवाद खत्म नहीं होगा, विकास संभव नहीं है. उग्रवाद को खत्म करने में जनता का सहयोग जरूरी है. उग्रवाद को सिर्फ पुलिस बल से समाप्त नहीं किया जा सकता है. पुलिस प्रशासन संवेदनशील है. पिछले दो साल में उग्रवादी घटनाओं में कमी आयी है. यदि जनता का सहयोग मिला, तो शीघ्र ही राज्य से उग्रवाद को समाप्त कर दिया जायेगा.
राजनीतिक संरक्षण के कारण ही प्रदेश में बढ़ा उग्रवाद : विधायक
विधायक विमला प्रधान ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण के कारण ही जिला एवं राज्य में उग्रवाद की समस्या उत्पन्न हुई है. उग्रवादियों को पूर्व से ही राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. किंतु हमारी सरकार में उन्हें किसी प्रकार का संरक्षण नहीं है. उग्रवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास जारी है. उग्रवादियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की गयी है. नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आना चाहिए. नक्सलियों को विशेष सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना है. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया इस प्रकार का आयोजन काफी सराहनीय है.
पीड़ित परिवारों की हरसंभव सहायता की जायेगी : डीसी
उपायुक्त विजय कुमार सिंह ने कहा कि नक्सली घटना में मारे गये लोगों के परिजनों को हर संभव सहाअयता प्रदान की जायेगी. उन्होंने कहा कि अब तक 47 पीड़ितों को नौकरी एवं 66 पीड़ितों के बीच एक करोड़ 65 लाख मुआवजा का वितरण किया जा चुका है. अन्य पीड़ितों के लिए भी प्रयास जारी है.
कहा कि सरकार की योजना के तहत पीड़ित परिवार को चार लाख या एक लाख और नौकरी का प्रावधान है. जिनको मुआवजा एवं अन्य लाभ नहीं मिले हैं, उनकी सूची मांगी गयी है. सूची उपलब्ध होने पर शीघ्र ही लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उपायुक्त ने कहा कि उग्रवादियों को किसी भी कीमत पर संरक्षण नहीं मिलना चाहिए.
मुख्यधारा से जुड़ें उग्रवादी : पौलुस
तोरपा विधान सभा क्षेत्र के विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि हिंसा समस्या का समाधान नहीं है. उग्रवादी मुख्यधारा से जुड़ें. नक्सलियों के परिजन उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें एवं सरकारी सुविधाओं का लाभ उठायें. उन्होंने कहा कि आंतकवाद एवं उग्रवाद पूरे देश के लिए खतरा है. समाज में परिवर्तन लाना होगा. शांति व्यवस्था के लिए संकल्प लेने की जरूरत है. श्री सुरीन ने कहा कि नक्सली आत्म समर्पण करें और समाज सेवा का कार्य करें.
उग्रवाद का रास्ता कष्टदायी : मनोज नागेसिया
भारतीय जनता पार्टी नेता मनोज नागेसिया ने कहा कि उग्रवाद का रास्ता काफी कष्टदायी है. कहा कि पूर्व में वह भी नक्सली थे. भाकपा माओवादी में आठ साल तक जोनल कमांडर के रूप में काम किया है. इस दौरान उग्रवादी जीवन के कष्ट को उन्होंने झेला है. तनाव में जिंदगी गुजरती है. कहा कि उग्रवादी संगठन छोड़ें और मुख्यधारा से जुड़ कर जीवन गुजारने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि जब से वह संगठन से अलग हुए हैं, उन्हें काफी सम्मान मिला है. श्री नागेसिया ने भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए कहा कि नक्सली जंगल में रह कर पैसी की वसूली करते हैं और इधर कार्यालय में बैठ कर सरकारी कर्मी पैसे की वसूली करते हैं.
नक्सलियों के खात्मे के लिए जन आंदोलन : आइजी
सीआरपीएफ के आइजी संजय आनंद लाडकर ने कहा कि सभी के सहयोग से ही उग्रवाद पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है. नक्सलियों को खत्म करने के लिए जन आंदोलन की जरूरत है.
उग्रवादी विकास नहीं चाहते हैं, सिर्फ अपना पेट पालना चाहते हैं. उग्रवादियों के सफाया के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है. किंतु जनता का सहयोग भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि पूर्व में इस क्षेत्र में उग्रवाद की समस्या नहीं थी. किंतु अब उग्रवाद क्यों पनपा, इस पर मंथन करने की जरूरत है. उग्रवादी जनता का गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उग्रवादी लेवी वसूल कर पैसे जमा करते हैं. आइजी श्री आनंद ने कहा कि उग्रवादियों के झांसे में नहीं आये और उन्हें क्षेत्र से खदेड़ने में पुलिस का सहयोग करें.
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