खरसावां:खरसावां प्रखंड के देहरीडीह गांव को पर्यटन गांव बनाने का केंद्र सरकार का सपना साकार नहीं हो पा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से घाटशिला के आमाडुबी व खरसावां के देहरीडीह को ग्रामीण पर्यटन गांव के रुप में विकसित करने की योजना को एक साथ मंजूरी दी गयी थी.
पिछले वर्ष 27 सितंबर को आमाडूबी की योजना का उदघाटन हुआ, परंतु देहरीडीह की योजना अब भी ख्याली पुलाव बन कर रह गयी है. देहरीडीह को पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव 2006 में आया था, जबकि इसे क्रियांवित करने के लिये भारत सरकार के पर्यटन मंत्रलय ने नोडल एजेंसी कला मंदिर के साथ 25 जून 2007 को एमओयू किया था. इस योजना के लिये हार्डवेयर मद पर 50 लाख तथा सॉफ्टवेयर मद पर 16 लाख की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसमें से हार्डवेयर मद से 3.41 लाख व सॉफ्टवेयर मद से 13 लाख की राशि खर्च कर दी गयी है. योजना के मुताबिक ओपेन एयर थियेटर, सेमिनार हॉल, कॉटेज, कैंटिन समेत पर्यटकों को आकर्षित करने वाली चीजों का निर्माण किया जाना है. जानकारी के अनुसार पर्यटन विभाग की ओर से गांव में कार्य शुरू करा दिया गया था.
बाद में ग्रामीणों ने चयनित स्थल को बदलने की मांग की. इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर गांव के पास एक अन्य जगह पर जमीन का चयन तो कर लिया गया, परंतु कार्य आगे नहीं बढ़ सका. यह योजना आज भी फाइलों की धुल फांक रही है. उल्लेखनीय है कि गांव देहरीडीह छऊ, माघे, करम व बाहा नृत्य के लिये प्रसिद्ध है.