सरायकेला : उपायुक्त छवि रंजन की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत राहत अनुदान की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में पांच मामलों की समीक्षा हुई, जिनमें तीन मामलों का निष्पादन करते हुए वादियों को 25-25 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की स्वीकृति प्रदान की गयी.
जबकि एक मामला असत्य पाया गया तथा एक अन्य मामले में मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण उस पर विचार नहीं हो पाया. बैठक में एक मामला राजनगर के कैलाश राम का था जिसमें प्रतिवादी विनय सिंहदेव द्वारा वादी को जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए सरकारी काम में बाधा पहुंचायी गयी थी. मामले में आरोप सही पाये जाने के कारण वादी को 25 हजार रुपये मुआवजा देने को स्वीकृति प्रदान की गयी. दूसरा मामाला आदित्यपुर के सरयू पासवान का है, जिसमें प्रतिवादी इंद्रजीत उर्फ बोनस,गांधी व नीतेश द्वारा घर में घूसकर मारपीट, गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने एवं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली दी गयी थी.
यह आरोप जांच के क्रम में सत्य पाया गया और वादी को 25 हजार रुपये का मुआवजा देने की स्वीकृति दी गयी. तीसरा मामला चांडिल थाना से संबंधित राम माझी का था, जिसमें प्रतिवादी संजय महतो व भीमचंद्र महतो द्वारा धोखाधड़ी से जमीन हड़पने, मारपीट करने, गलत नीयत से छेड़छाड़ करने तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित करने से संबंधित था, जिसमें आरोप सत्य पाया गया और वादी को 25 हजार रुपये मुआवजा देने की स्वीकृति प्रदान की गयी. डीसी ने कहा कि भुगतान के बाद चार्जशीट फाइल हुई है. इस मामले में पुराने मामले में दर्ज केस की अद्यतन स्थिति व चार्जशीट के बाद न्यायालय के निर्णय समेत सभी विस्तृत विवरण पुलिस अधीक्षक से प्राप्त करने तथा इसके बाद वादी का फ़ोन नंबर लेकर राहत अनुदान का भुगतान किये जाने का निर्देश दिया गया है. बैठक में डीएसपी दीपक कुमार, परियोजना निदेशक अरुण वाल्टर सांगा, सांसद प्रतिनिधि हरे कृष्ण प्रधान, बलराम महतो व अधिवक्ता भागवत प्रसाद माझी समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे.