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श्याम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए हुए चयनित

साहिबगंज: साहिबगंज के चित्रकार श्याम विश्वकर्मा का चयन हस्त शिल्प व झारक्राफ्ट विभाग की ओर से दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया है. वे झारखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे. बता दें कि वर्ष 2015-16 के लिए पिछले दिनों रांची में झारक्राफ्ट के निदेशक एके सिंह, उप निदेशक कोलकाता एम […]

साहिबगंज: साहिबगंज के चित्रकार श्याम विश्वकर्मा का चयन हस्त शिल्प व झारक्राफ्ट विभाग की ओर से दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया है. वे झारखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे.

बता दें कि वर्ष 2015-16 के लिए पिछले दिनों रांची में झारक्राफ्ट के निदेशक एके सिंह, उप निदेशक कोलकाता एम प्रभाकरन, सहायक निदेशक एसके गुप्ता, रिजनल मैनेजर एमआर सिंह, डिवीजनल ऑफिसर राजीव मलहोत्रा, बीआइटी मेसरा के प्रो अनूप कुमार टोप्पो एवं मोरहाबादी म्यूजियम के निदेशक की देखरेख में पूरे झारखंड से 47 कलाकारों का साक्षात्कार लिया गया. इसमें से पूरे राज्य से सात कलाकार अजीत पंडित, हीना देवी, सुनील मिश्रा, शिवसेन गुप्ता,
कामिनी श्रीवास्तव, वीरेंद्र ठाकुर व श्याम विश्वकर्मा का चयन किया गया. दिल्ली में इनके कलाकृति का चयन होगा. सफल प्रतिभागी को राष्ट्रपति पुरस्कृत करेंगे. इधर, चयन होने पर श्याम विश्वकर्मा ने कहा कि संताल परगना से वे इकलौते कलाकार हैं. झारखंड लोक कला सोहराय पर आधारित पेंटिंग के तहत उनका चयन किया गया है. शिल्प की ओर इनका रूझान है. 10 वर्षों से जनजाति पटकथा पर एवं कलाकृति के लिए कार्य कर रहे हैं.
चांद फाउंडेशन की कुंडली खंगाल रही पुलिस
बड़ी खबर . राजमहल में आवास के नाम पर किया गुमराह, वसूले लाखों
एक आरोपित अब्दुल रज्जाक गिरफ्तार, भेजा गया जेल
दीप सिंह
ग्रामीणों को गुमराह कर आवास के नाम पर लाखों वसूली करने वाले चांद फाउंडेशन ट्रस्ट के संचालक अब्दुल रज्जाक को पुलिस ने सोमवार काे जेल भेज दिया है. बताया जाता है कि यह ट्रस्ट पश्चिम बंगाल के सियालदल में रजिस्टर्ड है और इसका एक कार्यालय राजमहल के जामनगर स्थित रफातुल्ला टोला में है. इस ट्रस्ट में अब्दुल रज्जाक के साथ अन्य 15 लोग भी शामिल थे. जांच में पता चला है कि ये सभी लोग एक ही परिवार के हैं. इस ट्रस्ट ने इलाके में एक स्कीम चलायी थी कि दस हजार रुपये अनुदान दो और आवास लो.
स्थानीय ग्रामीण भी इसके झांसे में आ गये और करीब 600 परिवारों ने आवास के लालच में भुगतान भी दे दिया. इस पर शक तब शुरू हुआ जब किसी को आवास नहीं मिलने लगा. तभी ट्रस्ट ने अपना विश्वास जमाने के लिए करीब 150 परिवार को आवास के लिए प्रथम किस्त की राशि 20 हजार रुपया दे दिया. लेकिन स्थानीय प्रशासन की नजर इस ट्रस्ट पर पड़ी. एसडीओ चिंटु दोराईबुरू ने 11 जून को जामनगर रफातुल्लाटोला स्थित चांद फाउंडेशन ट्रस्ट के कार्यालय से कागजात जब्त किया था. जिसे पत्रांक 566 के तहत बीडीओ राजमहल व थाना प्रभारी राजमहल जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया.
जांच के बाद प्रभारी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी वीरेंद्र साहा के बयान पर षड्यंत्र के तहत चिटफंड कंपनी चलाने को लेकर उक्त ट्रस्ट के संचालक अब्दुल रज्जाक, सहयोगी नेस मोहम्मद सईस सहित अन्य के विरुद्ध थाना कांड संख्या 89/16 भादवि की धारा 420, 467, 468, 120 (बी) इनामी चिट और धन परिचालन स्वीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए संचालक अब्दुल रज्जाक को सोमवार को जेल भेज दिया.
फरजी तरीके से अावास का झांसा देकर गरीबों से लाखों वसूलने वाली चांद फाउंडेशन का भंडाफोड़ होने के बाद अब पुलिस उसकी कुंडली खंगालने में जुट गयी है. इस पूरे मामले के पीछे का मास्टमाइंड कौन है, ट्रस्ट किस उद्देश्य से यह भंवरजाल यहां फैला रहा था. इसकी पूरी तहकीकात की जा रही है. जब्त कागजातों के मुताबिक चांद फॉउडेशन ट्रस्ट का पंजीकरण पश्चिमबंगाल के सियालदह सब रजिस्ट्रार द्वारा किया गया है.
एक पदाधिकारी के मुताबिक ट्रस्ट के दस्तावेज में कार्य उद्देश्य का कहीं उल्लेख नहीं है. ट्रस्ट के संचालक व सहयोगियों द्वारा ट्रस्ट के पश्चिम बंगाल से पंजीकृत दस्तावेज को विदेशी आवास योजना की कागजात बताकर ग्रामीणों को गुमराह कर अनुदान के नाम पर अवैध राशि की वसूली कर रहा था.
एक ही परिवार के लोग हैं ट्रस्ट के सदस्य
प्रशासन द्वारा कागजात जब्त करने पर यह खुलासा हुआ कि चांद फॉउडेशन ट्रस्ट के संचालक अब्दुल रज्जाक सहित 15 सदस्य सभी एक ही परिवार के है. ट्रस्ट के सदस्यों में नेस मोहम्मद, मो साफुल, कमरूदीन शेख, टीपु सुल्तान, लाल मोहम्मद शेख, दानेश शेख, तामालेमा बीबी, गुलाम रसुल, हजरा बीबी, अजिका बीबी, सेलिना बीबी, मैनुल शेख व हसीना बीबी शामिल है. सोची-समझी साजिस के तहत एक ही परिवारों की ट्रस्ट बनाकर गरीबों के रूपयों को आवास योजना के नाम पर अवैध वसूली कर रहा था.
कौन है इसके पीछे इसका पता लगाने में जुटी पुलिस
ट्रस्ट के उद्देश्य के बारे में भी नहीं है किसी को पता
600 परिवार से वसूला था 10-10 हजार रुपये
विश्वास जीतने के लिए 150 परिवार को दिया 20-20 हजार का अनुदान
सात बैंकों में है ट्रस्ट का अकाउंट
प्रशासन द्वारा जांच के क्रम में ट्रस्ट का सात बैंक एकांउट होने का मामला सामने आया है. ट्रस्ट के नाम से बंधन बैंक में एकांउट है. जबकि ट्रस्ट के सदस्यों के नाम से संचालित कैनरा बैंक व वनांचल ग्रामीण बैंक में दो बैंक एकाउंट जिससे प्रतिदिन मोटे रकम की निकासी की जा रही है. अन्य एकाउंट के बारे में जानकारी एकत्रित करने हेतु पुलिस की जाच जारी है.

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