साहिबगंज : गुरुवार को साहिबगंज गंगा में डूब कर सगे भाई-बहन की मौत हो गयी. नगर थाना क्षेत्र के कमलटोला निवासी विजय यादव के दोनों संतान (एक पुत्री व एक पुत्र) की मौत गंगा में स्नान करने के क्रम में दोपहर करीब 12 बजे के आसपास हो गयी. मिली जानकारी के अनुसार, बच्चे अपनी मां वीणा देवी के साथ पुराना एलसीटी कुआं घाट पर कपड़ा धोने व स्नान करने के लिये करीब 11:30 बजे गये थे. मां कपड़ा धो रही थी.
इसी बीच दोनों बच्चे गंगा में उतर कर स्नान करने लगे. आठ वर्षीय पुत्री स्वीटी कुमारी पानी में डूबने लगी तो छह वर्षीय पुत्र नितेश बचाने का प्रयास किया. दोनों बच्चे डूबने लगे. इस बीच मां ने भी गंगा में छलांग लगा दी. दोनों बच्चे को बचाने के क्रम में वो भी डूबने लगी. इसी बीच चार वर्षीय बच्चा रोना शुरू किया. किसी तरह मां किनारे आयीं. लेकिन दोनों बच्चे के हाथ छूट गये और पानी में डूब गये.
घाट पर नहीं था एक भी व्यक्ति :जब अपने बच्चों के साथ वीणा देवी कपड़ा धो रही थी. उस दौरान गंगा तट पर एक भी व्यक्ति नहीं था. गंगा तट पर मां जब रोने लगी तो आसपास के ग्रामीण इकट्ठा हुए. सामाजिक कार्यकर्ता कपिल दास, उमेश यादव, राजेश यादव सहित कई लोग गंगा तट पर पहुंचे.
साहिबगंज गंगा में…
नाविक तथा गोताखोर की मदद से बच्चे को ढूंढ़ने का प्रयास करने लगे. दोपहर तकरीबन 12:30 बजे नितेश व दोपहर 1:30 बजे स्वीटी का शव जाल की मदद से निकाला गया. मौके पर नगर थाना के एएसआइ कार्तिक उरांव भी पहुंच कर बच्चों को निकालने के लिये प्रयास किये. लेकिन काफी देर पानी में रहने के कारण उनकी मौत हो गयी थी. परिजन बच्चों को चिकित्सक के पास ले गये. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल भेजा गया.
गोताखोर के व्यवस्था करने की मांग
सामाजिक कार्यकर्ता कपिल दास, उमेश यादव सहित कई लोगों ने जिला प्रशासन से गोताखोर की व्यवस्था करने की मांग की है. जिससे कोई भी घटना घटने पर तुरंत व्यवस्था किया जा सके.
शव को निकालने के लिये गंगा तट पर उमड़ पड़ी भीड़
जब मां कपड़ा धो रही थी, तभी बच्चे गंगा में डूब गये
जब समय गंगा तट पर कोई नहीं था
मां के साथ स्नान करने गये थे बच्चे
पीछे से गेयले बेटी गंगा नहाय
पीछे से गेयले नहाय के लिये बेटी. गरमी रहे के कारण पानी घरों में कम छेलेय. यह बातें रो-रो कर बच्चों की मां कह रही थी. विजय यादव और बच्चों की दादी ने बताया कि घर में पानी की कमी के कारण सभी लोग कपड़ा धोने के लिये गंगा जाते थे. पहले नहीं जाते थे. रो-रो कर परिजनों का हाल बेहाल है. गांव के लोगों ने बच्चों को बचाने के लिये मंदिर में प्रार्थना तथा दुआ के अलावे सरसों का तेल पूरे शरीर में लगाने का प्रयास किया. लेकिन सफलता नहीं मिली.
बच्चों के पिता विजय यादव ठेला चला कर रोजी-रोटी चलाते हैं. तीन पुत्र व दो पुत्री है. जिनमें तीसरे नंबर की पुत्री व चार नंबर के पुत्र की मौत गंगा में डूबने से हो गयी.