बीच गंगा के तल में जमा है कजली व कचड़ा
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इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही गंगा
बीच गंगा के तल में जमा है कजली व कचड़ा शहरवासियों को गंगा के दर्द को समझने की जरूरत गंगा का मुहाना बंद होने से साहिबगंज में गंगा का प्रवाह रुका, जल स्तर में भारी गिरावट प्रवाह रूकने से गंगा तल में जमने लगी है कजली मुहानों से दक्षिण दिशा के चार किमी तक जलस्तर […]
शहरवासियों को गंगा के दर्द को समझने की जरूरत
गंगा का मुहाना बंद होने से साहिबगंज में गंगा का प्रवाह रुका, जल स्तर में भारी गिरावट
प्रवाह रूकने से गंगा तल में जमने लगी है कजली
मुहानों से दक्षिण दिशा के चार किमी तक जलस्तर मात्र दो से चार फीट
साहिबगंज : झारखंड प्रदेश में साहिबगंज जिला ही एक मात्र जिला है, जहां गंगा बहती है. वही साहिबगंज में बहनेवाली गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने को केंद्र सरकार के द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत कई योजनाओं को चालू कराया गया. गंगा को स्वच्छ बनाये रखने के लिए जिले के छह प्रखंडों के 33 पंचायत के 68 गांव में शौचालय बनाकर जिले को मॉडल शहर बनाया जायेगा.
लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि साहिबगंज शहर के गोपालपुल गंगा घाट, सकुंतला सहाय गंगा घाट, बिजली घाट, पुरानी साहिबगंज गंगा घाट, कबूतरखोपी गंगा घाट, चानन गंगा घाट में पिछले एक माह से गंगा के जलस्तर मे काफी गिरावट आयी है. कुछ घाटों की स्थिति यह है कि पैदल लोग गंगा नदी पार कर जाते है. पानी के कम होने से गंगा का पानी गंदा नजर आता है.
लगभग चार किमी तक गंगा में मात्र दो से चार फीट तक पानी है. दर्जनों जगहों पर पानी सूख गया है और जमीन बाहर आ चुकी है. समय रहते अगर मुहाने को नहीं खोला गया तो वह दिन दूर नहीं कि शहर के लोगों को गंगा जल के लिये तरसना पड़ेगा. लोगों को गंगा स्नान करने के लिए सकरीगली व राजमहल जाना पडेगा. बंद पड़े मुहाने को खोलने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा जिला प्रशासन को भी प्रयास करना होगा. तभी मां गंगा की प्रवाह को पूर्ण चालू किया जा सकता है.
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