नप के पास नहीं है सफाई का ठोस प्लान, प्रभात खास खबर. स्टेशन से निकलते ही यात्रियों को नाक में ढंकना पड़ता है रूमाल.गांधी चौक पर ही प्रतिदिन लगा रहता है कूड़े का अंबार.07 दिसंबरफोटो संख्या-01, 02, 03, 04 व 06 पाकुड़ से जा रहा है.कैप्सन- राजापाड़ा, तांतीपाड़ा, तांतीपाड़ा स्थित ट्रांसफारमर के समीप व मद्यपाड़ा में पड़े कूड़ेदान की स्थिति व शहर में सड़क किनारे फेंका गया कूड़ा.संवाददाता, पाकुड़प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल पर विगत वर्ष दो अक्तूबर को पूरे ताम-झाम के साथ स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गयी. स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान देश भर में चलाया गया. नेता से लेकर पदाधिकारी तक हाथ में झाडू पकड़ कर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया. परंतु काफी समय बाद भी इसका असर पाकुड़ शहर पर नहीं पड़ा. ऐसे तो पाकुड़ शहरी क्षेत्र नगर परिषद में आता है. लगभग 55 हजार आबादी वाले नगर परिषद क्षेत्र पाकुड़ का आलम यह है कि शहर के जिस ओर आप जाएं गंदगी ही गंदगी मिलेगी. आश्चर्य तो यह है कि न तो विभाग के पास कोई ठोस प्लान ही है और न ही विभाग ने इसे लेकर अब तक कोई ठोस नीति ही तैयार की है. सड़क किनारे नगर परिषद द्वारा लगाए गए कूड़ेदानों की हालत देख कर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन के प्रति कितना सजग है. नगर परिषद क्षेत्र में कई स्थानों पर लगे कूड़ेदानों की स्थिति भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ी हुई है.पाकुड़ स्टेशन से ही गंदगी का लगा रहता है अंबारप्रतिदिन सुबह विभिन्न ट्रेनों से पाकुड़ स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलते ही नाक पर या तो रूमाल लेकर चलना पड़ता है या फिर कुछ देर के लिए उसे अपनी सांसे रोकनी पड़ती है. आलम यह है कि स्टेशन से बाहर सड़क किनारे मूत्र त्याग करने के कारण वहां काफी दुर्गंध होता है. जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं जैसे ही स्टेशन से बाहर गांधी चौक पर पहुंचंेगे चौक के ही समीप बीच सड़क पर लगे गंदगी व दुर्गंध की मार झेलनी पड़ेगी. ऐसे तो 2 अक्टुबर को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत का संकल्प लेते हुए पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाये जाने पर जोर दिया गया था. परंतु पाकुड़ शहर में आलम यह है कि गांधी चौक पर गांधी जी के प्रतिमा के सामने ही प्रतिदिन सुबह कुड़े व गंदगी के अंबार लगे होते हैं. अधिकांश जगहों पर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े हैं कूड़ेदान…………जानकारी के मुताबिक शहर के कई जगहों पर नगर परिषद द्वारा लगाये गये कूड़ेदान जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े हुए हैं. वहीं कई स्थानों पर कूड़ेदान के टुट जाने से कूड़ा बाहर निकला हुआ रहता है. शहर के राजापाड़ा, तांतीपाड़ा, मद्यपाड़ा में कूड़ेदान की स्थिति खराब है. तांतीपाड़ा स्थित ट्रांसफारमर के समीप लगे कूड़ेदान टुटा हुआ है. जबकि उपरोक्त स्थानों पर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में कूड़ादान पड़ा हुआ है. विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में कुल 19 वार्ड हैं. प्रत्येक वार्ड में विभाग द्वारा दो-दो कूड़ेदान लगाये गये हैं. जागरूकता का नहीं हुआ असर………स्वच्छ भारत अभियान के तहत चलाये गये स्वच्छता अभियान का असर शहर वासियों पर नहीं पड़ा. ऐसे तो एक-आध स्वयं सेवी संस्था प्रत्येक रविवार को शहरी क्षेत्र में आज भी स्वच्छता अभियान चला रहे हैं. बावजूद इसके अधिकांश स्थानों पर नगर परिषद द्वारा लगाये गये कूड़ेदान के भर जाने पर बाहर ही खुले रूप से कूड़ा डाल दिया जाता है या फिर प्रतिदिन सुबह शहर में दर्जनों स्थानों पर दुकानदारों के द्वारा खुले स्थान पर कूड़ा जमा किया जाता है. आखिर ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को सफलता कैसे मिलेगी?प्रतिदिन लाखों रूपये सफाई के नाम पर होती है खर्च………..नगर परिषद द्वारा प्रतिदिन ट्रैक्टर, तेल, मिस्त्री, चालक सहित अन्य मद में लाखों का खर्च किया जाता है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक सफाई को लेकर प्रतिदिन नगर परिषद द्वारा चार ट्रैक्टर व एक कूड़ा वाहन चलाया जाता है. इस मद में प्रतिदिन 37-40 हजार रूपये डीजल खर्च होती है. मिस्त्री व चालक मद में प्रतिदिन 3 लाख 56 हजार रूपया खर्च होता है. उपरोक्त सफाई के कार्य में 47 सफाई कर्मी, दो मिस्त्री, पांच चालक सहित अन्य कर्मियों को लगाया है. क्या कहते हैं नगर परिषद अध्यक्ष……..फोटो संख्या-05- नप अध्यक्ष मीता पांडेनगर परिषद अध्यक्षा मीता पांडे ने बताया कि प्रतिदिन शहर की साफ-सफाई करायी जाती है. जागरूकता के कमी के कारण लोगों द्वारा कूड़ेदान के बाहर कूड़ा डाला जाता है. जहां तक स्टेशन परिसर में गंदगी का मामला है इसे लेकर स्टेशन प्रबंधक को कई बार पत्र लिखा जा चुका है. क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी………..नगर परिषद पाकुड़ के कार्यपालक पदाधिकारी शिवाजी भगत ने कहा कि वर्तमान में विभाग के पास कोई ठोस प्लान नहीं है. परंतु पंचायत चुनाव की गिनती के बाद इसे लेकर ठोस पहल की जायेगी और नये नीति के तहत शहरों की साफ-सफाई करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे तो विभाग के पास राशि व मैन पावर की कमी है. बावजूद सीमित संसाधन में शहर को संुदर बनाये जाने का प्रयास किया जायेगा. विकास के नाम पर रूपयों का हो रहा बंदरबांट………..फोटो संख्या-07- अरदेंदु शेखर गांगुली पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष अरदेंदु शेखर गांगुली ने वर्तमान नगर परिषद की व्यवस्था पर आरोप लगाया है कि केवल विकास के नाम पर रूपयों का बंदरबांट किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर जहां शहर में गंदगी का अंबार है, विभाग के पास फॉगिंग मशीन होते हुए भी राशि का अभाव बता कर एक दिन भी नहीं चलाया जा रहा है. वहीं कुंवर सिंह भवन टाउन हॉल में 20 लाख की लागत से साउंड लगाये जाने को लेकर टेंडर निकाल दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि टेंडर में अत्यधिक राशि का बंदरबांट होता है. यही कारण है कि शहर में जरूरत भर कूड़ेदान लगाये जाने या शहर को सुंदर बनाने का कोई प्लान नगर परिषद के पास नहीं है.
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नप के पास नहीं है सफाई का ठोस प्लान, प्रभात खास खबर. स्टेशन से निकलते ही यात्रियों को नाक में ढंकना पड़ता है रूमाल.गांधी चौक पर ही प्रतिदिन लगा रहता है कूड़े का अंबार.07 दिसंबरफोटो संख्या-01, 02, 03, 04 व 06 पाकुड़ से जा रहा है.कैप्सन- राजापाड़ा, तांतीपाड़ा, तांतीपाड़ा स्थित ट्रांसफारमर के समीप व मद्यपाड़ा […]
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