राजमहल : पाकुड़ जिले में धान–चावल खरीद में डेढ़ करोड़ से अधिक की गड़बड़ी मामले में सरकार के निर्देश पर बुधवार को दुमका के संयुक्त निबंधक एनके गुप्ता व पाकुड़ के जिला सहकारिता पदाधिकारी कुमोद कुमार जांच के लिए राजमहल प्रखंड के बभनगामा स्थित मां एग्रो फूड प्रोडेक्टस नामक राइस मिल पहुंचे.
पदाधिकारियों ने काफी गोपनीयता से मिल में जांच की. यहां तक की पत्रकारों को भी जानकारी देने में आनाकानी करते रहे. पदाधिकारी अपनी गाड़ी से मिल के अंदर चले गये.
इसके बाद मिल मालिक ने मुख्य गेट को बंद कर दिया. दो–तीन घंटे तक अंदर जांच की. जांच के बाद श्री गुप्ता ने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट निबंधक, रांची को सौंपी जायेगी.
हालांकि इतने चर्चित मामले की इस तरह से जांच होने पर लोगों में कई तरह की चर्चाएं हैं.
क्या है मामला : पाकुड़ के उपायुक्त ने धान–चावल खरीद में डेढ़ करोड़ से अधिक की गड़बड़ी मामले को लेकर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. डीसी के रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा चिह्न्ति शाकंभरी राइस मिल महेशपुर के बदले मां एग्रो फूड प्रोडेक्ट बभनगामा को अपने स्तर से तिलभिटा लैंपस के सचिव जियाउल अंसारी व तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रेश्वर कापर द्वारा धान दे दिया गया.
इसमें मिल व लैंपस गोदाम में धान–चावल नहीं होने, बगैर वाइलर के मिल में उसना चावल मिलना, किसानों के क्रय रजिस्टर व धान की मात्र के साथ छेड़छाड़, बगैर बैंक के बिना लाभुक का खाता नंबर, भुगतान में चेक नंबर नहीं होना, दूरदराज वाले किसानों का नाम रजिस्टर में दर्ज करने के अलावा अन्य गड़बड़ी को रिपोर्ट में उजागर किया गया है.
पत्रकारों से अभद्र व्यवहार
अधिकारियों के बभनगामा स्थित मां एग्रो फूड प्रोडेक्टस नामक राइस मिल में जांच करने के दौरान समाचार संकलन करने पहुंचे पत्रकारों के साथ मिल मालिक दिलीप आर्य, उनकी पत्नी स्नेह लता कुमारी व सहयोगियों ने अभद्र व्यवहार किया. यहां तक कि मिल के अंदर हो रही जांच के दौरान पत्रकारों को उन्होंने अंदर जाने नहीं दिया.