रांची. राजधानी में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है. इसको लेकर जनता में चेतना जरूरी है. पिछले कुछ वर्षों में भूजल स्तर में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गयी है. बोरिंग व कुआं का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. पूर्व में करायी गयी बोरिंग या कुआं मृतप्राय हो गये हैं. ऐसे में लगातार गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पौधरोपण ही उपाय है.
वर्षा जल के संचयन के लिए लोग अपने घरेलू या व्यवसायिक भूखंडों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कर बारिश के पानी को जमा कर भूजल का स्तर बढ़ा सकते हैं. रांची नगर निगम ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए तीन एजेंसियों की नियुक्ति की है. कडरू के मेसर्स एडवेट सोलर एंड वाटर से फोन नंबर 9934060507 व 7033666688, हरमू में मेसर्स लक्ष्य टेक्नोलॉजी प्रालि से 9731444941 व 9504901916 व कोकर के आरके इंटरप्राइजेज से 9570206186 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. ज्ञात हो तीन हजार वर्गफीट या उससे अधिक क्षेत्र में निर्माण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है. तीन हजार वर्गफीट क्षेत्रफल वाली छत के लिए रिचार्ज पिट की क्षमता 200 घन फीट होनी चाहिए. वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट तैयार नहीं करने पर डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स देने का नियम है.ऐसे बचायें पानी
आरओ वाटर फिल्टर से निकले पानी का इस्तेमाल पोछा लगाने, बगीचे में पटवन के लिए, बर्तन धोने, कार या शौचालयों की सफाई प वाटर कूलर में पानी भरने के लिए करें. इसके अलावा पानी बचाने के अन्य तरीके का भी इस्तेमाल करें. जैसे नलों व पाइपों में लीकेज रोकें, टूथ ब्रश या शेविंग करते समय नल का पानी बंद रखें, स्वचालित वाशिंग मशीन का उपयोग फुल लोड के साथ करें, सब्जियां साफ करते समय लगातार नल न चलने दें, बर्तन धोते समय नल खुला न छोड़ें, ड्राइव वे, फुटपाथ व सीढ़ियां साफ करने के लिए पानी की जगह झाड़ू का प्रयोग करें, टू व्हीलर या कार धोते समय लगातार नल न चलायें, नहाने के लिए शॉवर की जगह बाल्टी का उपयोग करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है