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स्कूल की राहों में दुश्वारियाें की तपिश

गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है. तेज धूप और गर्मी के कारण बच्चे बीमार होने लगे हैं.

रांची. गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है. तेज धूप और गर्मी के कारण बच्चे बीमार होने लगे हैं. उनकी आंखें लाल हो रही हैं. नाक से खून आने की समस्या बढ़ गयी है. स्कूल का समय ऐसा है कि छुट्टी से लौटते समय भीषण गर्मी का शिकार होना पड़ रहा है, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में इस मौसम में बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है.

बच्चों के लिए तरल खाद्य पदार्थ जरूरी

गर्मी में स्कूल जानेवाले बच्चों के लिए तरल खाद्य पदार्थ जरूरी हो जाता है. आप आम दिनों में अपने बच्चों को जैसा लंच देते हैं, वैसा भोजन अभी नहीं दें. गर्मी को देखते हुए ऐसे भोजन दें, जो आसानी से पाच्य हो. ध्यान रखें कि ज्यादातर तरल खाद्य पदार्थ हो. इस समय बच्चों को ज्यादा से ज्यादा मौसमी फल और सब्जियों वाला लंच देना चाहिए. साथ ही सिर्फ पानी की एक बोतल काफी नहीं है. बच्चों को एक अलग बोतल में नींबू पानी या ग्लूकोज पानी दें.

छाता, कैप और गमछे का इस्तेमाल जरूरी

गर्मी के कारण बच्चों के शरीर में पानी कम होने के आसार होते हैं. बच्चों के शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे, इसके लिए उन्हें पर्याप्त पानी पीने के लिए कहें. घर से निकलने के पहले पानी जरूर पिलायें. पानी की कमी के कारण संवेदनशील नेचर के बच्चों में ड्राइनेस हो जाता है. इस कारण उनकी आंखें लाल हो जाती हैं. नाक से खून तक आने लगता है. ऐसे में डॉक्टरी सलाह भी जरूरी है. बच्चों को स्कूल से लाने के दौरान अथवा बस तक बैठने के क्रम में ध्यान रखें कि सीधी धूप के संपर्क में न आये. इसके लिए छाता, कैप और गमछा का इस्तेमाल करें. बही संवेदनशील आंखों वाले बच्चों के लिए सन ग्लास का इस्तेमाल जरूरी है.

टिफिन में तरबूज, खीरा और संतरा जरूर दें

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शैलेश चंद्रा ने बताया कि गर्मी बढ़ने के कारण शरीर में पानी की कमी हाेने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाना जरूरी है. स्कूल जानेवाले छोटे बच्चे अच्छी मात्रा में पानी पीकर जायें. साथ ही टिफिन में मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा और संतरा जरूर दें. मौसमी फल से शरीर को ज्यादा पानी मिलता है. ख्याल रखें कि बच्चे सीधी धूप में न जायें. स्कूल के बाहर होनेवाली एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटी को कम करें. गर्मी में आंखों लाल होना, नाक से खून आना ड्राइनेस के कारण होता है. ऐसे में शरीर में पानी की कमी न होने दें. कुछ संदेह हो तो डॉक्टर से सलाह लें. छाता, गमछा और कैप का इस्तेमाल जरूरी है.

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