इसके अलावा डॉक्टरों पर अापराधिक मामला दर्ज नहीं करने, दवा व जांच लिखने की आजादी देने, अन्य चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों के एलोपैथी प्रेक्टिस पर रोक लगाने, इमरजेंसी मरीज के इलाज के दौरान पैसा नहीं देने पर सरकार द्वारा पैसा की भरपाई करने व देश में दवाई की एक कीमतों की मांगों को लेकर विरोध रैली निकाली जायेगी. इस दौरान केंद्रीय सरकार को 15 सूत्रीय मांगों से अवगत कराया जायेगा.
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राज्य के 300 डॉक्टर दिल्ली में करेंगे विरोध
रांची : राष्ट्रीय आइएमए के अाह्वान पर मंगलवार को दिल्ली में देश भर के डॉक्टर एक दिवसीय आंदोलन करेंगे. डॉक्टर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अाइएमए) के स्थान पर नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को लागू करने व एमबीबीएस के बाद एग्जिट एग्जाम देने का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा डॉक्टरों पर अापराधिक मामला दर्ज नहीं […]
रांची : राष्ट्रीय आइएमए के अाह्वान पर मंगलवार को दिल्ली में देश भर के डॉक्टर एक दिवसीय आंदोलन करेंगे. डॉक्टर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अाइएमए) के स्थान पर नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को लागू करने व एमबीबीएस के बाद एग्जिट एग्जाम देने का विरोध कर रहे हैं.
राज्य आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि झारखंड से रैली में शामिल होने के लिए करीब 300 डॉक्टर दिल्ली जायेंगे. रैली राजघाट से निकाली जायेगी, जो इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में जाकर समाप्त होगी. वहां एक आमसभा का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी. वीमेंस डॉक्टर विंग की अध्यक्ष डाॅ भारती कश्यप के नेतृत्व में राज्य की महिला डॉक्टर दिल्ली में आयोजित रैली में भाग लेगी. डॉ भारती ने बताया कि डॉक्टरों की मांग जायज है, जिसके लिए लंबे समय से डॉक्टरों का संघर्ष चल रहा है.
एक घंटा काम नहीं कर जतायेंगे अपना विरोध
दिल्ली में आयोजित रैली में भाग नहीं लेनेवाले डॉक्टर राज्य के सभी जिलों में एक घंटा काम नहीं करेंगे. वह सुबह 10 से 11 बजे तक मरीजों को चिकित्सीय परामर्श नहीं देंंगे. आइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आइएमए के अाह्वान पर राज्य के सभी चिकित्सकों को सूचना दे दी गयी है.
ये हैं डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले को देखते हुए सख्त केंद्रीय कानून बने
एनएमसी एक्ट व एग्जिट का विरोध
चिकित्सकों पर हो रहे क्रिमिनल केस अविलंब बंद हों
अन्य पद्धति के चिकित्सकों के एलोपैथी की प्रैक्टिस करने पर रोक लगे
क्रिमिनल इस्टेब्लिस एक्ट की विसंगति दूर हो
दवा (ब्रांड या जेनेरिक) व जांच लिखने की डॉक्टरों को आजादी हो
झोला छाप के विरुद्ध सख्त कानून बने
सिंगल विंडो पंजीकरण की सुविधा
सरकारी स्वास्थ्य समितियों में आइएमए का प्रतिनिधित्व
दवाई की कीमतों की भिन्नता समाप्त हो
आकस्मिक इलाज के बाद शुल्क न मिलने पर सरकार भरपाई करे
अगले वित्तीय वर्ष से स्वास्थ्य नीति का निर्धारण
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