रांची : झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड बिना अध्यक्ष के ही चल रहा है. अध्यक्ष का पद वर्ष 2013 से खाली पड़ा है. बोर्ड में चेयरमैन के अलावा सदस्य के चार पद हैं. डॉ बीएन यादव व स्वामी शशांकानंद सदस्य के तौर पर थे, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. वहीं सदस्य एसएस ओझा का निधन हो चुका है, जबकि सदस्य आरआर प्रसाद को प्राधिकृत हस्ताक्षरी बनाया गया है.
चेयरमैन के साथ-साथ सदस्यों के भी सभी पद रिक्त हैं. कर्मचारियों की भी संख्या नहीं के बराबर है. यही नहीं, नियुक्ति नियमावली भी अब तक नहीं बन पायी है. बिहार की नियमावली से ही काम चल रहा है.
कब-कब कौन रहे अध्यक्ष : झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन 2001 में हुआ. राजेंद्र नाथ शाहदेव इस बोर्ड के पहले अध्यक्ष बने. श्री शाहदेव 14 मार्च 2007 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद वर्ष 2010 तक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई. 25 अगस्त 2010 में पूर्व विधायक माधव लाल सिंह अध्यक्ष बनाये गये. इसके बाद 13 नवंबर 2013 में श्री सिंह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. तब से यह पद रिक्त है.
कार्य हो रहे प्रभावित
चेयरमैन के नहीं होने से नीतिगत निर्णय लेने में परेशानी हो रही है. फील्ड वर्कर नहीं होने से सर्वे का काम भी प्रभावित है. कर्मचारी नहीं रहने से झारखंड में कितने धार्मिक न्यास हैं, इसकी भी जानकारी लोगों को नहीं मिल पा रही है.
क्या है न्यास बोर्ड : परिभाषा के अनुसार, हिंदू विधि द्वारा मान्यता प्राप्त किसी धार्मिक, पवित्र या पूर्व प्रयोजन के लिए सृजित अथवा विद्यमान कोई अभिव्यक्त या अान्विक न्यास धार्मिक न्यास बोर्ड है. इसके उदाहरण मंदिर, मठ या चैरिटेबल ट्रस्ट होते हैं. झारखंड राज्य में पड़नेवाले सभी मंदिर, मठ एवं चैरिटेबल ट्रस्ट बिहार धार्मिक न्यास अधिनियम 1950-51 (झारखंड सरकार द्वारा अंगीकृत) की धारा (2ठ) में धार्मिक न्यास के तौर पर परिभाषित है.