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आरक्षण अधिकार मोरचा ने शिक्षा मंत्री का आवास घेरा
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन में अनियमितताओं का विरोध सड़क जाम, मुख्यमंत्री का काफिला भी फंसा रांची : आरक्षण अधिकार मोरचा की ओर से मंगलवार को हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन में अनियमितताओं के विरोध में शिक्षा मंत्री नीरा यादव के आवास का घेराव किया गया. घेराव कार्यक्रम का नेतृत्व पूर्व शिक्षा मंत्री […]
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन में अनियमितताओं का विरोध
सड़क जाम, मुख्यमंत्री का काफिला भी फंसा
रांची : आरक्षण अधिकार मोरचा की ओर से मंगलवार को हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन में अनियमितताओं के विरोध में शिक्षा मंत्री नीरा यादव के आवास का घेराव किया गया. घेराव कार्यक्रम का नेतृत्व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने किया. इससे पहले घेराव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मोरचा के सदस्य विधानसभा मैदन में जुटे. वहां से पैदल मार्च करते हुए शिक्षा मंत्री के आवास के लिए रवाना हुए.
इस कारण सड़क जाम हो गया. मुख्यमंत्री का काफिला भी मोरचा की रैली में फंस गयी. इस कारण पुलिस व मोरचा के सदस्यों के बीच हल्की बहस भी हुई. लेकिन दो मिनट में ही पुलिस कर्मियों ने सीएम के काफिले को निकाल लिया. वहीं शिक्षा मंत्री नीरा यादव के आवास के समक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति चिंताजनक है. इस कारण छात्रों की आवाज शिक्षा मंत्री तक नहीं पहुंच रही है.
छात्र नेता अजय चौधरी ने कहा कि एक साजिश के तहत इस नियुक्ति में पहले विषय की बाध्यता को लाया गया, ताकि झारखंड के छात्र आवेदन नहीं कर सके. उन्होंने सरकार से तत्काल इसमें संशोधन की मांग की. कहा कि अगर पांच दिन के अंदर मांगपत्र पर कार्रवाई नहीं हुई, तो छात्र सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. वहीं शिक्षा मंत्री अपने आवास में नहीं थी. इस कारण मोरचा के सदस्यों ने उनके पीएस को मांगपत्र सौंपा. घेराव कार्यक्रम में मनोज यादव, दिलीप कुमार, कुसुम लकड़ा, वेद प्रकाश, नीतीश, रुपेश, निरंजन उपस्थित थे.
मोरचा की मुख्य मांगें और विरोध
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में विषय बाध्यता इतिहास के साथ राजनीति विज्ञान, जीव विज्ञान के साथ रसायन विज्ञान की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की गयी. इसके अलावा जिलावार नियोजन में गैर अनुसूचित जिलों को पूरे भारत के लिए खोलने, जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के वैसे छात्र जो एमए पास हैं, उनको आवेदन भरने से वंचित करने व दूसरी ओर बहाली नीति के तहत संस्कृत, उर्दू, फारसी में एमए पास छात्रों का आवेदन स्वीकार करने का विरोध किया गया.
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