रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की असीम संभावनाएं है. साथ ही दोपहिया वाहन तथा ट्रैक्टर निर्माण की इकाई भी सुगमता से लगाया जा सकता है. झारखंड में उद्योग के लिए पर्याप्त जमीन सुलभ है. झारखंड पूर्वी क्षेत्र का औद्योगिक हब बनने की क्षमता रखता है. सीआइआइ […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की असीम संभावनाएं है. साथ ही दोपहिया वाहन तथा ट्रैक्टर निर्माण की इकाई भी सुगमता से लगाया जा सकता है. झारखंड में उद्योग के लिए पर्याप्त जमीन सुलभ है. झारखंड पूर्वी क्षेत्र का औद्योगिक हब बनने की क्षमता रखता है. सीआइआइ के प्रतिनिधि अपने स्तर से निवेशकों को सुझाव दें और उन्हें आश्वस्त करें कि झारखंड में उद्योग लगाना हर दृष्टिकोण से फायदेमंद है.
श्री दास मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में सीआइआइ के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य के वनोत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग बोर्ड का गठन किया जा रहा है. लाह और तसर के उत्पादों की डिजाइनिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग का काम प्रोफेशनल्स के हाथों में होगा. तैयार उत्पादों का निर्यात किया जायेगा. इसी तरह गांव की महिलाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जायेगा. दूध, अंडा, स्कूल ड्रेस, कंबल, चादर, तौलिया आदि की खरीद गांव की महिलाओं से की जायेगी. इससे गांवों में समृद्धि आयेगी.
अभियान को जन आंदोलन का रूप दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्कूल चलें-चलायें अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है. गरीबी और अशिक्षा के कारण बच्चियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है, जिससे मातृत्व व शिशु मृत्यु दर बढ़ता है. समाज के हर वर्ग के लोगों की जिम्मेवारी है कि वे भी समाज को जागरूक करने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि अशिक्षा झारखंड की गरीबी का सबसे बड़ा कारण है. खासकर संताल परगना और पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम के गांव में स्थिति और भी खराब है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है. मुख्यमंत्री ने सीआइआइ के प्रतिनिधियों से कहा कि स्कूल चले-चलायें अभियान से जुड़ कर कार्य करने की जरूरत है. विभिन्न सेक्टरों में कार्य करने के लिए अलग-अलग ग्रुप बनायें. बैठक में उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल भी मौजूद थे.