हालचाल लेने के बाद कहा था कि मई के आखिरी सप्ताह में घर आयेगा. छह अप्रैल की रात करीब साढ़े नौ बजे उन्हें सूचना दी गयी की कुलदीप का एक्सीडेंट हो गया है. वह अब इस दुनिया में नहीं है. इस सूचना के बाद घर में कोहराम मच गया. कुलदीप लकड़ा चार-भाई बहनों में सबसे छोटा था. पिता जेवियर लकड़ा साधारण किसान हैं. कुलदीप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संत जान उच्च विद्यालय नावटांड़ से की थी. 2009 में मैट्रिक व इसके बाद इटकी से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी.
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कश्मीर में झारखंड का लाल हुआ शहीद : मई में घर आनेवाला था आयी मौत की खबर
मांडर: कश्मीर में बर्फबारी में शहीद हुए कुलदीप की मां डोरोथी कुजूर का बेटे की शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से ही रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना था कि इकलौता कमाऊ बेटा देश के लिए शहीद हो गया. उसी की कमाई से घर का खर्च चलता था. उनकी तीन बेटियों सेलिन लकड़ा, […]
मांडर: कश्मीर में बर्फबारी में शहीद हुए कुलदीप की मां डोरोथी कुजूर का बेटे की शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से ही रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना था कि इकलौता कमाऊ बेटा देश के लिए शहीद हो गया. उसी की कमाई से घर का खर्च चलता था. उनकी तीन बेटियों सेलिन लकड़ा, विश्वासी लकड़ा व विनीता लकड़ा में से एक विश्वासी लकड़ा की शादी हो चुकी है. दो लड़कियां अभी अविवाहित हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि शहीद बेटे की जगह पर सरकार उनकी एक बेटी को नौकरी दे.
2014 में हुआ था सेना में बहाल: कुलदीप लकड़ा 2014 में सेना में बहाल हुआ था. 2015 में पटना के दानापुर में ट्रेनिंग के बाद उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई थी. पोस्टिंग के बाद 2016 के नवंबर में वह पहली छुट्टी में घर आया था अौर करीब तीन माह के बाद वापस गया था. चार दिन पूर्व उसने मां से फोन पर आने की बात की थी.
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