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323 में से 167 नक्सली घटनाएं पांच जिलों में ही

रांची : झारखंड में नक्सली-उग्रवादी संगठनों की गतिविधि सबसे अधिक पांच जिलों में है. वर्ष 2016 में राज्य में कुल 323 नक्सली-उग्रवादी घटना हुई. इसमें 85 लोगों की मौत हुई. आंकड़े के मुताबिक इन घटनाओं में 52 प्रतिशत (167) घटनाएं व 65 प्रतिशत (55) मौतें सिर्फ पांच जिलों चाईबासा, लातेहार, गुमला, खूंटी व पलामू में […]

रांची : झारखंड में नक्सली-उग्रवादी संगठनों की गतिविधि सबसे अधिक पांच जिलों में है. वर्ष 2016 में राज्य में कुल 323 नक्सली-उग्रवादी घटना हुई. इसमें 85 लोगों की मौत हुई. आंकड़े के मुताबिक इन घटनाओं में 52 प्रतिशत (167) घटनाएं व 65 प्रतिशत (55) मौतें सिर्फ पांच जिलों चाईबासा, लातेहार, गुमला, खूंटी व पलामू में हुईं. इस तरह वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में चार प्रतिशत अधिक घटनाएं और उन घटनाओं में 52 प्रतिशत अधिक मौतें हुईं.

समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी है कि माओवादियों ने अपनी गतिविधि को इन पांच जिलों में ही केंद्रित कर दिया है. इस कारण इन पांच जिलों में ज्यादा घटनाएं व ज्यादा मौतें हुईं. भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य सुधाकरण, जोनल कमांडर नकुल यादव समेत कई बड़े नक्सली इसी इलाके में सक्रिय हैं. बिहार व छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों का दस्ता भी इन जिलों में आकर घटनाओं को अंजाम देता है.
पीएलएफआइ व टीपीसी से मिल रही है चुनौती
समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आयी है कि कुल 323 घटनाओं में से 89 घटनाओं को पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने और 42 घटनाओं को टीपीसी के उग्रवादियों ने अंजाम दिया. पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने वर्ष 2016 में 41 लोगों की हत्या की, जबकि टीपीसी के उग्रवादियों ने चार लोगों की हत्या की. दोनों संगठन के उग्रवादी रांची, चतरा, हजारीबाग, गढ़वा, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा व पलामू में सक्रिय हैं अौर लेवी वसूलने का काम करते हैं.
घटना व मौत में बढ़ोतरी
घटना 2015 2016
कुल घटना 310 323
कुल मौत 56 85
आम लोग मरे 52 76
नक्सली मरे 23 20
पुलिस शहीद 04 09
नक्सली गिरफ्तारी 381 462
नक्सली सरेंडर 14 40
हथियार लूट 06 00
हथियार बरामद 243 274

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