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मुरहू में 23 दिसंबर को हुई मुठभेड़ की उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा

मुठभेड़ में मारा गया था पीएलएफआइ का कथित उग्रवादी महादेव मुंडा डीसी की रिपोर्ट में मुठभेड़ को लेकर खड़े किये गये हैं कई सवाल सुरजीत सिंह रांची : खूंटी के डीसी ने खूंटी पुलिस और पीएलएफआइ के बीच 23 दिसंबर 2016 को मुरहू थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ की उच्च स्तरीय जांच की अनुशंसा की […]

मुठभेड़ में मारा गया था पीएलएफआइ का कथित उग्रवादी महादेव मुंडा
डीसी की रिपोर्ट में मुठभेड़ को लेकर खड़े किये गये हैं कई सवाल
सुरजीत सिंह
रांची : खूंटी के डीसी ने खूंटी पुलिस और पीएलएफआइ के बीच 23 दिसंबर 2016 को मुरहू थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ की उच्च स्तरीय जांच की अनुशंसा की है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और सरकार से जांच की अनुशंसा की गयी है. डीसी की रिपोर्ट में मुठभेड़ और मुठभेड़ के बाद की जानेवाली कार्यवाही (सुप्रीम कोर्ट व एनएचआरसी की गाइडलाइन) को लेकर कई सवाल खड़े किये गये हैं. मुठभेड़ में पुलिस ने पीएलएफआइ के कथित उग्रवादी महादेव मुंडा को मार गिराने का दावा किया था. डीसी की रिपोर्ट के बाद यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या महादेव मुंडा को फरजी मुठभेड़ में मारा गया?
डीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने सुबह के 8.30 बजे मुठभेड़ होने की बात कही थी. हालांकि मजिस्टेरियल जांच के लिए खूंटी के तत्कालीन एसडीओ भोर सिंह यादव को इसकी सूचना शाम में दी और जांच का अनुरोध किया गया. तब तक पुलिस महादेव मुंडा के शव को थाना ले आयी थी और पंचनामा रिपोर्ट तैयार कर ली थी. घटना को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी थी. रिपोर्ट के मुताबिक पंचनामा रिपोर्ट में स्वतंत्र गवाहों की जगह पुलिस के जवानों के हस्ताक्षर गवाह के रूप में कराये गये. तत्कालीन एसडीओ की जांच में यह भी पता चला कि महादेव मुंडा की कमर के ऊपर सभी गोलियां लगी हुई थी.
मुठभेड़ सिर्फ आठ-दस फीट की दूरी पर हुई थी. पुलिस ने एसडीओ को गोली के आठ-दस खोखे दिखाये थे. रिपोर्ट में इस पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा गया है कि अगर मुठभेड़ हुई थी, तो और खोखे बरामद होने चाहिए थे.
उल्लेखनीय है कि मुरहू व अड़की थाना की सीमा पर स्थित पोटो जंगल में मुठभेड़ हुई थी. खूंटी के एसपी अश्वनि कुमार सिन्हा से पुलिस ने घटनास्थल से एक कारबाइन, प्वाइंट नाइन एमएम की एक पिस्तौल, एक राइफल, जैकेट और मोबाइल फोन बरामद करने की बात कही थी.
साथ ही बताया था कि मुठभेड़ में 60 राउंड से अधिक फायरिंग की गयी. उन्होंने यह भी बताया था कि मुठभेड़ में शामिल दो उग्रवादी भाग निकलने में सफल रहे. मुठभेड़ में एसडीपीओ रणवीर सिंह, मुरहू थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति, झारखंड जगुआर के इंस्पेक्टर प्रवीण झा समेत पुलिस के जवान शामिल थे.

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