आइजी कार्मिक द्वारा 29 मार्च को जारी आदेश के मुताबिक थाना स्तर के पदाधिकारी व इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर नक्सलियों-अपराधियों की गिरफ्तारी की जाती है. विस्फोटक, हथियार व अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किये जाते हैं, जो कनीय पदाधिकारियों के लिए प्रशंसनीय कार्य है. बावजूद इसके ऐसा देखा जाता है कि गिरफ्तारी व जब्ती के संबंध में जब संबंधित एसपी के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस किया जाता है, तो पदाधिकारियों को दरकिनार कर दिया जाता है. उन्हें अपराधियों-उग्रवादियों के साथ खड़ा कर दिया जाता है. इससे उनका मनोबल गिरता है. इसलिए पुलिस मैनुअल के मुताबिक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान थाना स्तर के पदाधिकारी को उचित सम्मान दें, ताकि उनका मनोबल बना रहे.
उल्लेखनीय है कि प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस अधीक्षकों की कुर्सी के पीछे अपराधियों-उग्रवादियों के साथ कनीय पदाधिकारियों के खड़े रहने की तसवीरें मीडिया में आती हैं. इसे लेकर दो माह पहले पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने धनबाद के एसपी का विरोध किया था. साथ ही पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर मांग की थी कि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कनीय पुलिस पदाधिकारियों को सम्मान दिया जाये. उन्हें भी बैठने के लिए कुरसी दी जाये या फिर प्रेस कांफ्रेंस से बाहर रखा जाये. एसोसिएशन की मांग पर ही पुलिस मुख्यालय ने यह आदेश जारी किया है. पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह व महामंत्री अक्षय राम ने पुलिस मुख्यालय को इसके लिए धन्यवाद दिया है.