अब आवश्यक है कि सारंडा वन मे लौह अयस्क एवं अन्य खनिजों के परिवहन के वर्तमान तरीके में बदलाव लाया जाय. मंत्री ने लिखा है कि खननकर्ताओं को लौह अयस्क परिवहन मे कन्वेयर बेल्ट सदृश उन्नत तकनीक का उपयोग करने के लिये बाध्य किया जाये. फाइंस आदि को स्लरी बनाकर उनका परिवहन पाइपलाइन से करने की व्यवस्था की जाये. यह शर्त उनके द्वारा सुपुर्द माइनिंग प्लान एवं लीज एग्रीमेंट दस्तावेज में भी शामिल हैं, जिसे इन्होंने स्वयं स्वीकार किया है. इसे कार्यरूप देने के लिये उन्हें बाध्य किया जाये. मंत्री ने सारंडा वन क्षेत्र में बन रहे सड़कों पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में ऐसे सड़कों का निर्माण वर्तमान एवं भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों के अनुरूप नहीं होगा.
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सारंडा में सड़क मार्ग से लौह अयस्क की ढुलाई पर लगे रोक : सरयू राय
रांची: झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र भेजकर सारंडा क्षेत्र में सड़क मार्ग से लौह अयस्क की ढुलाई पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. मंत्री ने सारंडा क्षेत्र के 10 वर्ष पहले और अभी की तसवीर भी शेयर […]
रांची: झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र भेजकर सारंडा क्षेत्र में सड़क मार्ग से लौह अयस्क की ढुलाई पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इससे पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. मंत्री ने सारंडा क्षेत्र के 10 वर्ष पहले और अभी की तसवीर भी शेयर की है.
पर्यावरण पर होगा असर
मंत्री ने लिखा है कि सड़क मार्ग से लौह अयस्क का परिवहन यूं ही होता रहा तो वहां के पर्यावरण पर, वन्य जीवों पर, जलस्रोतों पर, धरती पर, फोटोसिंथेसिस प्रक्रिया में अवरोध के कारण वहां के वृक्षों एवं वृक्षों के पत्तों के स्वास्थ्य पर और वहां की समृद्ध जैव विविधता पर इसका प्रतिकूल प्रभाव होने से रोका नहीं जा सकता. खनन कार्य की गति बढ़ेगी तो यह प्रतिकूल प्रभाव और भी बढ़ेगा.
अब आवश्यक है कि सारंडा वन मे लौह अयस्क एवं अन्य खनिजों के परिवहन के वर्तमान तरीके में बदलाव लाया जाय. मंत्री ने लिखा है कि खननकर्ताओं को लौह अयस्क परिवहन मे कन्वेयर बेल्ट सदृश उन्नत तकनीक का उपयोग करने के लिये बाध्य किया जाये. फाइंस आदि को स्लरी बनाकर उनका परिवहन पाइपलाइन से करने की व्यवस्था की जाये. यह शर्त उनके द्वारा सुपुर्द माइनिंग प्लान एवं लीज एग्रीमेंट दस्तावेज में भी शामिल हैं, जिसे इन्होंने स्वयं स्वीकार किया है. इसे कार्यरूप देने के लिये उन्हें बाध्य किया जाये. मंत्री ने सारंडा वन क्षेत्र में बन रहे सड़कों पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में ऐसे सड़कों का निर्माण वर्तमान एवं भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों के अनुरूप नहीं होगा.
मुख्यमंत्री को सरयू ने क्या लिखा है पत्र में
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र मंत्री ने बताया है कि सारंडा वन क्षेत्र की दो तस्वीरें, जो गुगल अर्थ से ली गयी हैं, आपको भेज रहा हूं. ये तस्वीरें उस रास्ते की हैं, जिस पर खनन के बाद लौह अयस्क से लदे भारी वाहनों का परिचालन होता है. एक तसवीर करीब 10 साल पहले की है, जिसमें रास्ते सफेद दिख रहे हैं और रास्ते के किनारे के वृक्षों की पत्तियां हरी दिख रही हैं. दूसरी तसवीर करीब एक सप्ताह पहले की है, जिसमें परिवहन पथ के दोनों ओर के वृक्षों के हरे पत्तों पर लाल रंग की गहरी परत बैठी दिख रही है. यह सतह परिवहन के माध्यम से लौह अयस्क की ढुलाई का वहां के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव का द्योतक है.
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