जेट ने स्कूल प्रबंधन की तरफ से अभिभावकों को किताब-कॉपी की सूची उपलब्ध कराने को कहा था. स्कूल द्वारा सूची तो उपलब्ध करा दी जाती है, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया जाता है कि आप फलां दुकान से ही किताब-कॉपी लें. सीबीएसइ ने 2015 में ही संबद्ध स्कूलों से एनसीइआरटी की किताबों को नये सत्र में लिये जाने का निर्देश दिया था. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि स्कूल प्रबंधन निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को पाठ्य सामग्रियों में शामिल न करें. पर इन सभी बिंदुओं का अनुपालन किसी स्तर पर नहीं हो रहा है. कुछ बड़े स्कूलों ने अभिभावकों को सूची उपलब्ध कराते हुए यह कहा है कि वे कहीं से भी किताब-कॉपी खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं.
Advertisement
विशेष दुकानों पर ही अब भी मिल रही किताबें
रांची: राजधानी के निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक महंगी किताब-कॉपी खरीदने को विवश हैं. जिला प्रशासन की तरफ से किताब-कॉपियों की खरीद के लिए कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय की तरफ से निजी स्कूल प्रबंधनों से यह कहा गया है कि वे स्कूलों में किताब-काॅपी […]
रांची: राजधानी के निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक महंगी किताब-कॉपी खरीदने को विवश हैं. जिला प्रशासन की तरफ से किताब-कॉपियों की खरीद के लिए कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है.
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय की तरफ से निजी स्कूल प्रबंधनों से यह कहा गया है कि वे स्कूलों में किताब-काॅपी नहीं बेचें और न ही किसी एक दुकान से किताब खरीदने का आग्रह अभिभावकों से करें. झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण (जेट) के अलावा जिला प्रशासन का यह दायित्व है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी दुकान विशेष से किताब की खरीदारी का दबाव डाले जाने पर चौकसी बरतें. अभिभावकों के हितों की रक्षा करना भी जिला प्रशासन की जिम्मेवारी है.
एक ही प्रतिष्ठान से मिल रही है 11 स्कूलों की किताबें
राजधानी के इलाइट पब्लिकेशन नामक प्रतिष्ठान में 2017 के लिए 11 स्कूलों की किताब-कॉपियां बेची जा रही है. इलाइट में डीपीएस, लोरेटो, डीएवी हेहल, डीएवी ग्रुप के कुछ अन्य स्कूल, संत फ्रांसिस स्कूल की कक्षा प्रेप से 12वीं तक की किताबें बिक रही है. किताब-कॉपी खरीदने के लिए सुबह होते ही वहां अभिभावकों की भीड़ लगने शुरू हो जाती है. एनसीइआरटी, फिजिक्स, गणित और बायोलॉजी की किताबें यहां से लोगों को फिलहाल नहीं दी जा रही हैं. इसी तरह पुस्तक मंदिर, गुड बुक्स, प्रेम पुस्तकालय, न्यू बुक सेंटर, स्टूडेंट बुक सेंटर सरीखे कई अन्य प्रतिष्ठानों से भी लोगों को किताबें खरीदने का निर्देश स्कूल प्रबंधन की तरफ से दिया गया है. निजी प्रकाशकों की किताब-कॉपियों का सेट खरीदने के लिए अभिभावकों को 3500 रुपये से 6500 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है, जबकि एनसीइआरटी की पुस्तकों के सेट इनकी तुलना में आधी कीमतों पर बाजार में उपलब्ध हैं.
एनसीइआरटी की किताबें रखने में दिलचस्पी नहीं
एनसीइआरटी की पुस्तकें रखने में बड़े प्रतिष्ठान दिलचस्पी नहीं लेते हैं. इसकी मुख्य वजह है इन पुस्तकों की कीमतों का कम होना. बड़े प्रतिष्ठानों के संचालक सरस्वती प्रकाशन, ओरिएंट लोंगमैन, कंसाइज समेत अन्य महंगे प्रकाशकों की ही पुस्तकें रखते हैं. इन पुस्तकों को ही अधिकतर स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement