स्वास्थ्य विभाग के लिए दवा आदि खरीदने के लिए बनायी गयी कंपनी झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड(जेएमएचआइडीपीसीएल) द्वारा यह किया जा रहा है. वह भी डायरेक्टर जेनरल अॉफ सप्लाई एंड डिस्पोजल रेट के नाम पर. दरों में कई गुणा अंतर देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने एतराज जताया है. उन्होंने फाइल अपने पास मंगा ली है.
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13 रुपये का इंजेक्शन 35 रुपये में लेने की है तैयारी
रांची: स्वास्थ्य विभाग द्वारा 13 रुपये के एक इंजेक्शन को 35 रुपये में खरीदने की तैयारी की जा रही है. फाइल को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस दर को स्वीकृत किया गया है, उससे कई गुणा अधिक दर पर दवा लेने की तैयारी विभाग के ही पदाधिकारी कर […]
रांची: स्वास्थ्य विभाग द्वारा 13 रुपये के एक इंजेक्शन को 35 रुपये में खरीदने की तैयारी की जा रही है. फाइल को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस दर को स्वीकृत किया गया है, उससे कई गुणा अधिक दर पर दवा लेने की तैयारी विभाग के ही पदाधिकारी कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के लिए दवा आदि खरीदने के लिए बनायी गयी कंपनी झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड(जेएमएचआइडीपीसीएल) द्वारा यह किया जा रहा है. वह भी डायरेक्टर जेनरल अॉफ सप्लाई एंड डिस्पोजल रेट के नाम पर. दरों में कई गुणा अंतर देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने एतराज जताया है. उन्होंने फाइल अपने पास मंगा ली है.
क्या है मामला
जेएमएचआइडीपीसीएल द्वारा मार्च के अंतिम सप्ताह में तकरीबन 20 करोड़ रुपये की दवा की खरीदारी सरकारी कंपनियों से करने की संचिका बढ़ायी गयी. सरकार को कंपनियों ने जो दर दी है वह काफी अधिक है, जबकि 13.4.16 को निदेशक प्रमुख ने निविदा के आधार पर दर तय कर जेएमएचअाइडीपीसीएल को भेज दिया था. यह दर वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए है. कहा गया था कि जिलों में भी इसी दर पर खरीदारी हो. जिलों द्वारा इसी स्वीकृत दर पर खरीदारी भी की जा रही है. इसी दौरान फरवरी माह में जरूरी दवाओं का हवाला देते हुए जेएमएचआइडीपीसीएल द्वारा इसे डीजीएसएनडी रेट पर खरीदने की जरूरत बतायी गयी. कहा गया कि तत्काल टेंडर कराने में विलंब होगा. इसके बाद सरकारी कंपनियों से डीजीएसएनडी रेट मंगाया गया, जो स्वीकृत दर से 30 से 40 प्रतिशत तक अधिक है. फिलहाल मामला लंबित है.
क्या कहते हैं अधिकारी
यह सही है कि डीजीएसएनडी रेट अधिक है. अभी दवा नहीं ली गयी है. डीजीएसएनडी रेट पर केवल वही दवा ली जायेगी जो टेंडर द्वारा स्वीकृत रेट की सूची में नहीं है. रही बात मार्च में दवा खरीदने की, तो कॉरपोरेशन में पैसा आ जाने के बाद कभी भी जरूरत के अनुरूप दवा खरीदारी की जा सकती है.
शैलेंद्र श्रीवास्तव, ओएसडी जेएमएचआइडीपीसीएल
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