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जर्जर है शहर के वीवीआइपी इलाके की सड़क
रांची : बरियातू के वार्ड नंबर-4 स्थित हरिहर सिंह रोड की हालत किसी से छिपी नहीं है. शहर का वीवीआइपी इलाका होने के बावजूद यहां के लोग जर्जर सड़क पर चलने को विवश हैं. कई बार इसकी शिकायत रांची नगर निगम और जनप्रतिनिधियों से की गयी, लेकिन यहां के लोगों की समस्या का समाधान नहीं […]
रांची : बरियातू के वार्ड नंबर-4 स्थित हरिहर सिंह रोड की हालत किसी से छिपी नहीं है. शहर का वीवीआइपी इलाका होने के बावजूद यहां के लोग जर्जर सड़क पर चलने को विवश हैं. कई बार इसकी शिकायत रांची नगर निगम और जनप्रतिनिधियों से की गयी, लेकिन यहां के लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ.
रविवार को यहां ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम का आयोजित किया गया. इसमें स्थानीय लोगों ने अपनी पीड़ा प्रभात खबर की टीम के समक्ष रखी. कार्यक्रम के उपस्थित लोगों ने बताया कि हरिहर सिंह रोड में 500 से ज्यादा मकान हैं. यहां हर पांच घर के बाद एक अपार्टमेंट बना हुआ है, इसलिए इस इलाके की गिनती वीवीआइपी इलाकों में की जाती है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग इस सड़क का उपयोग बरियातू रोड से मोरहाबादी जाने के लिए करते हैं, लेकिन पिछले दो साल से इस सड़क का हाल बेहाल है. जलजमाव और मिट्टी के ढेर के कारण आधा किमी की यह सड़क पूरी तरह से उबड़-खाबड़ हो गयी है.
प्रतिदिन वाहन चालक यहां दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है. माेहल्ले के लोगों ने बताया कि सड़क की समस्या को सुधार को लेकर पिछले दो साल में कई बार निगम अधिकारियों से लेकर नगर विकास मंत्री को लिखा गया. लेकिन अब तक नतीजा जस का तस ही है.
एक साल से नहीं सुधार पायी कंपनी : शहर के इस नारकीय हालात के सुधार का जिम्मा रांची नगर निगम ने सीवरेज-ड्रेनेज के लिए चयनित कंपनी ज्याेति बिल्डटेक को सौंपी है. कंपनी द्वारा कुछ जगहों पर गड्ढे खोद कर पाइप लाइन भी बिछायी गयी है. लेकिन, अब तक इस समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हो गया है. प्रभात खबर के कार्यक्रम में शामिल हुए हरिहर सिंह रोड के लोगों ने सड़क की जर्जर हालत के लिए इस कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है और नगर निगम से मांग की है कि ज्योति बिल्डटेक को ब्लैक लिस्टेड कर, किसी दूसरी कंपनी से काम कराया जाये.
नगर निगम से लेकर सरकार तक से कई बार सड़क की हालत को सुधारने की गुहार लगायी गयी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. जलजमाव वाली जगह पर डस्ट गिरा कर ऊंचा कर दिया गया है, जिससे समस्या और बढ़ गयी है.
संजय सोनी
नगर निगम ने जिस कंपनी को सीवरेज-ड्रेनेज का काम सौंपा है, वह काम करने के लायक है ही नहीं. इस कंपनी ने पाइप बिछाने के नाम पर सड़क को नरक में तब्दील कर दिया है. इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए.
सुनील वर्मा
इस सड़क की हालत सुधारने के लिए धरना-प्रदर्शन से लेकर आंदोलन तक हुआ, लेकिन निगम के अधिकारी सजग हों तब तो. अगर जल्द स्थिति नहीं सुधरी, तो बरसात के मौसम में स्थिति और भी बदतर हो जायेगी .
पंकज वर्मा
सड़क खराब होने के कारण प्रतिदिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. क्यानगर निगम और सरकार के अधिकारियों को यह दिखाई नहीं दे रहा है. निगम का काम अब केवल टैक्स वसूलने तक ही सीमित हो गया है.
कृष्णा कच्छप
सरकार जब हमसे टैक्स लेती है, तो उसका यह फर्ज है कि वह यहां के लोगों के समस्याओं का समाधान करे. लेकिन इस सड़क पर तो किसी का ध्यान ही नहीं है. नगर निगम आैर सरकार दोनों ही आंखें मूंदे हुए बैठे हैं.
मनोज गुप्ता
सीवरेज-ड्रेनेज योजना के तहत नगर निगम द्वारा जो काम कराया जा रहा है, उसकी रफ्तार काफी धीमी है. एक दिन काम चलता है, फिर एक सप्ताह तक बंद रहता है. नगर निगम इसे नियमित रूप से तेज गति से कराये.
अजय राय
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