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शारीरिक शोषण से अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं बच्चे : डॉ हरिषा
अभिभावकों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चों के स्वभाव में बदलाव तो नहीं हो रहा रांची : मनोचिकित्सक डॉ हरिषा ने कहा कि बच्चों के साथ शारीरिक शोषण होने से उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर असर पड़ता है. बच्चे अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं. इसका असर उनके बौद्धिक विकास पर पड़ता […]
अभिभावकों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चों के स्वभाव में बदलाव तो नहीं हो रहा
रांची : मनोचिकित्सक डॉ हरिषा ने कहा कि बच्चों के साथ शारीरिक शोषण होने से उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर असर पड़ता है. बच्चे अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं. इसका असर उनके बौद्धिक विकास पर पड़ता है. डॉ हरिषा रविवार को होटल ली लैक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व यूनिसेफ के तत्वावधान में शारीरिक शोषण पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं. अगर उनके साथ गलत होता है, तो वह अपने मूल उद्देश्य से भटक जाते हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ राजीव सेठ ने कहा कि बच्चों के साथ शारीरिक शोषण का असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. बच्चे अवसाद से ग्रसित होने के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं.
हिंसात्मक प्रवृति बढ़ती है. आइएमए के सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि इसे अभियान के रूप में लेना होगा. अभिभावकों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चों के स्वभाव में बदलाव तो नहीं हो रहा है. अगर ऐसा परिवर्तन होता है, तो उनसे खुल कर बात करें. कार्यक्रम में डॉ सुमंत मिश्रा, डॉ शोभा चक्रवर्ती, आइएमए के अध्यक्ष डॉ एके सिंह, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ अजय सिंह, डाॅ विमलेश सिंह आदि मौजूद थे.
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