करीब 25-30 लाख रुपये का मकान मोती महतो सहित अन्य सम्मिलित परिवार के चार भाइयों का आवास था. विस्फोट की आवाज इतनी जोरदार थी कि लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तक इसकी आवाज सुनाई पड़ी. बताया जाता है कि सोमवार की शाम करीब छह बजे 40-50 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंचे थे. दस्ता में महिला व पुरुष शामिल थे. नक्सलियों ने सभी ग्रामीणो को बुला कर एकत्रित किया और पास के जंगल में ले गये, जहां नक्सलियों ने गांव के पारा शिक्षक जलेश्वर महतो के बारे में पत्नी विमला देवी से पूछताछ की. विमला देवी ने जब जानकारी नहीं होने की बात कही, तो नक्सलियों ने उनकी लाठी व डंडा से पिटाई की. इस दौरान विमला के ससुर मोती महतो को भी पीटा गया.
नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए दीवारों में कई जगह डायनामाइट लगाकर मकान उड़ा दिया. इससे मोती महतो के अलावा उसके भाई तालेश्वर महतो, रूपलाल महतो, नारायण महतो, उगन महतो का घर क्षतिग्रस्त हो गया. इस घटना से घर पर खड़ा ट्रेक्टर क्षतिग्रस्त हो गया. आवास में रखे कीमती सामान के अलावा बर्तन, फ्रीज, टीवी, रुपये, कपड़ा, जेवरात के अलावा कई कीमती सामान नष्ट हो गये.
घटना के बाद नक्सली घर से 25 किलो के दो खस्सी अपने साथ लेते गये. इधर घटना से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है. भयभीत ग्रामीण कुछ बताने से कतरा रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि जब घटना घटती है, तो पुलिस रोजाना गांव आकर ग्रामीणों को ही बेवजह परेशान करती है. इस घटना के काफी देर बाद तक पुलिस यहां नहीं पहुंची थी. घटना के बाद मोती महतो के परिवार के नौ सदस्य बलथरवा से कही अन्य जगह पनाह लिये हुए हैं. मकान में परिवार के अन्य सदस्यों को रहने के लिए जरा भी जगह नहीं बची है. घटना को लेक नक्सलियों ने पोस्टर भी चिपकाये.