ड्रोन कैमरे के लिए वन विभाग खोज रहा है एजेंसी
रांची : वन विभाग बेतला, पलामू स्थित राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व की निगरानी व देखरेख के लिए ड्रोन कैमरा लगायेगा़ इसके लिए विभाग ने एकेडमिक, तकनीकी सहयोग के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से आवेदन मांगा है. अनमैंड एरियल ह्वेकिल (यूएवी) सिस्टम की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस काम मेें इच्छुक एजेंसियों को 16 मार्च तक आवेदन जमा करने को कहा गया है.
उच्च क्षमता वाली ड्रोन उपयोग की योजना : वन विभाग ने इसके लिए उच्च क्षमता वाली ड्रोन के उपयोग की योजना बनायी है. विभाग ने जो शर्तें दी है, उसमें 75 मिनट की उड़ान तीन किलो वजन के साथ दिया गया है. अधिकतम 15 किलो तक वजन इसमें ढोया जा सकता है. 15 मीटर प्रति सेकेंड इसकी स्पीड रखी गयी है. किसी भी तरह के मौसम में इसके उड़ान भरने की क्षमता होनी चाहिए. इस ड्रोन में शून्य से लेकर 55 डिग्री सेसि तक तापमान बरदाश्त करने की क्षमता होनी चाहिए. इसमें लगाये जानेवाले कैमरे का रिज्यूलेशन 3840 गुणा 2160 होनी चाहिए. कैमरे में ऑप्टिकल जूम का इस्तेमाल होना चाहिए. जूम का नियंत्रण जमीन से भी होना चाहिए. कैमरे का वजन 750 ग्राम होना चाहिए. कैमरा ऐसा होना चाहिए जो दिन-रात दोनों समय फोटो ले सके. मालूम हो कि बेतला झारखंड का एक मात्र टाइगर रिजर्व है.
एक मात्र टाइगर रिजर्व
यहां बाघ पाये जाने के प्रमाण मिले हैं. यहां कई प्रकार के जानवर हैं. टूरिज्म की बेहतर संभावना है. यह पलामू और लातेहार दो जिलों में पड़ता है. यह करीब 256 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां कई प्रकार के छोटे-बड़े जानवर हैं.