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जांच दल ने भी त्रुटियां पायीं
रांची : कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने जाति, आय व आवासीय सर्टिफिकेट नहीं मिलने के मामले की जांच के लिए गुरुवार को एक दल रांची डीसी कार्यालय भेजा. प्रधान सचिव ने पूरे मामले की जांच करायी. जांच के दाैरान सॉफ्टवेयर में खामियां पायी गयीं. दल में शामिल उप सचिव, जैप आइटी के […]
रांची : कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने जाति, आय व आवासीय सर्टिफिकेट नहीं मिलने के मामले की जांच के लिए गुरुवार को एक दल रांची डीसी कार्यालय भेजा. प्रधान सचिव ने पूरे मामले की जांच करायी. जांच के दाैरान सॉफ्टवेयर में खामियां पायी गयीं. दल में शामिल उप सचिव, जैप आइटी के राकेश कुमार, परामर्शी व जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी (एनआइसी) ने एसडीओ व सीओ के लॉगिन का अध्ययन किया और पाया कि मौजूदा सॉफ्टवेयर में सुधार की जरूरत है.
जांच दल की रिपाेर्ट में कहा गया है जाति, स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र से संबंधित अॉनलाइन दर्ज आवेदनों के त्वरित निष्पादन के लिए सॉफ्टवेयर में सुधार करना होगा. सॉफ्टवेयर कस्टमाइजेशन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी व गर्वनेंस विभाग को पत्र भी भेज दिया गया है. जांच दल ने सॉफ्टवेयर में तत्काल सुधार की जो आवश्यकता बतायी, वह इस प्रकार है.
-एप्रूव्ड बाइ एसडीअो (एसडीअो से स्वीकृति) मेनू में अनुमंडल पदाधिकारी का नाम एवं पदनाम डिजिटल हस्ताक्षर एवं लॉगिन के आधार पर अॉटो फाइल्ड होना चाहिए. अभी दो बार इंट्री करनी पड़ रही है.
-जिस कोटि के प्रमाण पत्र के आवेदन अॉनलाइन निष्पादित किये जाते हैं, उनके निष्पादन के बाद उस कोटि के अगले आवेदन का पृष्ठ स्वत: आना चाहिए.
-यदि एसडीअो आवेदन अस्वीकृत करते हैं, ताे अभियुक्ति कॉलम में कारण दर्ज करना अनिवार्य होना चाहिए. आवेदन स्वीकृति की स्थिति में इसे डिसेबल्ड रहना चाहिए.
-राजस्व कर्मचारी के पास यह विकल्प होना चाहिए कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए अर्हता संबंधी उपयुक्त कंडिका का चयन/सुधार कर सके.
-वरीय पदाधिकारियों के स्तर पर कनीय पदाधिकारियों को अॉनलाइन आवेदन वापस करने का विकल्प होना चाहिए. वर्त्तमान में सेंड बैक टू सिटीजन (नागरिक को वापस भेजें) मात्र का विकल्प है.
-यदि आवेदक के द्वारा कोई पृथक दस्तावेज आवेदन दर्ज करने के उपरांत अपलोड किया जाता है, तो आवेदन जहां लंबित है, उस स्तर पर वैसे दस्तावेज मूल आवेदन के साथ एकीकृत हो जाने चाहिए.
-संबंधित कर्मचारी, अंचल निरीक्षक, अंचल अधिकारी का नाम लॉगिन के आधार पर प्रक्रियात्मक दस्तावेज में रहना चाहिए.
-यदि किसी स्तर पर वरीय पदाधिकारी को अॉनलाइन आवेदन अग्रसारित किया जाता है, तो अभियुक्ति कॉलम में अनुशंसा को अनिवार्य बनाना चाहिए.
-एप्लिकेशन ट्रैकिंग में तिथि का विकल्प विलोपित किया जाना चाहिए. मात्र एकनॉलेजमेंट के माध्यम से एप्लिकेशन ट्रैकिंग की सुविधा होनी चाहिए.
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