जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह गुरुनानक सत्संग सभा से जुड़े लोग भजन-कीर्तन करते हुए गुरुद्वारा से बिड़ला मैदान जा रहे थे. उनके साथ गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और कार सेवक संघ के लोग भी थे. टोली में महिलाएं भी मौजूद थी. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बिड़ला मैदान की जमीन पर स्कूल और अस्पताल बनाने के लिए निशान गाड़ना था. इस बीच मैदान के पास सरना समिति और मैदान बचाव संघर्ष समिति से जुड़े लोगों ने उन पर हमला कर दिया. ये लोग मैदान में किसी तरह के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. विवाद बढ़ने पर दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. कई लोगों ने भाग कर जान बचायी. घटना में गुरुनानक सत्संग सभा से जुड़े 27 लोगों को चोटें लगी. वहीं सरना समिति और मैदान बचाव संघर्ष समिति के पांच लोग घायल हो गये. घटना के बाद आसपास के इलाके में भगदड़ की स्थित उत्पन्न हो गयी.
घायलों में 14 लोगों को विवेकानंद अस्पताल में भरती कराया गया है. जबकि अन्य घायलों का इलाज सेवा सदन और गुरुनानक अस्पताल में चल रहा है. पुलिस ने आक्रोशित लोगों को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत कराया. घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने आसपास के इलाकों में छापेमारी की, पर कोई नहीं मिला. गुरुनानक सत्संग सभा ने पुलिस पर देर से पहुंचने का आरोप लगाया है.
पहले पक्ष के लोग जमीन पर स्कूल और अस्पताल बनाना चाहते हैं. जबकि दूसरे पक्ष लोग चाहते हैं कि जमीन खुली रहे और वहां कोई निर्माण कार्य न हो, क्योंकि मैदान में पूर्व से सरना स्थल है, पूजा होती आ रही है. साथ ही मुहल्ले के बच्चे भी इसी मैदान में खेलते हैं. इसी को लेकर दोनों पक्ष के बीच विवाद है.
अशोक गेरा, रौनक ग्रोवर, वेद प्रकाश मिढा, प्रवीण मुंजाल, कुलदीप गिरधर, जगदीश मुंजाल, जीवन मिढा, मोहन लाल अरोड़ा, प्रताप खत्री, कवलजीत मिड्ढा, प्रवीण गिरधर, जीतेश बेदी, नीरज सरदाना, नंद किशोर मिढा, नीरज किंगर, हरविंदर सिंह, स्वर्गदीप सिंह, महेश सुखीजा, राजेंद्र मक्कड़, जयंत कुमार, भरत गाबा, अशोक अराेड़ा, किशन गिरधर, दुर्गा देवी, बरखा मुंजाल, अमरजीत मुंजाल और हिमानी मिढा.
बिड़ला मैदान पुलिस छावनी में तब्दील
बिड़ला मैदान की जमीन का विवाद मंगलवार को खूनी संघर्ष में बदल गया. ईंट और पत्थर फेंक कर हमले किये गये. इनमें दर्जनों लोग घायल हुए हैं. सुखदेवनगर थाना की पुलिस भी पत्थरबाजी की शिकार बनी. घटना की जानकारी मिलने पर जिले के डीसी और सिटी एसपी घटनास्थल पर पहुंचे. फिलहाल प्रशासन ने बिड़ला मैदान व उसके आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है. दाेबारा मारपीट की आशंका के मद्देनजर बिड़ला मैदान में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
रांची : मंगलवार को हुई घटना के बाद बिड़ला मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. यहां दो कंपनी रैफ (महिला-पुरुष) और जिला बल की पुलिस को तैनात किया गया है. गुरुद्वारा के अंदर व आसपास भी रैफ के जवान तैनात हैं. इधर, बिड़ला मैदान में हुई घटना के बाद सिटी एसपी किशोर कौशल भी वहां पहुंचे और वहां खड़ी महिलाओं को हटाने का प्रयास किया. सरना झंडा लिये महिलाओं ने सिटी एसपी का विरोध किया़ फिर सिटी एसपी ने महिला पुलिसकर्मियों को उन्हें हटाने का आदेश दिया़ महिला पुलिसकर्मियों ने विरोध कर रही महिलाओं को वहां से हटाया़.
1908 से भुइहरी जमीन है
केंद्रीय सरना समिति के वरीय उपाध्यक्ष नारायण उरांव ने बताया कि 1908 से यह भुइहरी जमीन है़ हमारे पूर्वजों ने आजादी के बाद आये शरणार्थियों को यहां ठहरने के लिए जमीन दी थी. शरणार्थी यहां काफी दिनों से रह रहे थे़ इस दाैरान यहां श्रीकृष्ण नगर कॉलोनी बसी कुछ दिनोें के बाद इस जमीन को बिड़ला को लीज पर दे दिया गया़ लीज समाप्त होने के बाद श्रीकृष्ण नगर के लोग इस जमीन को कब्जा करने में लग गये़ नारायण उरांव ने बताया कि यहां गुरुद्वारा का कार्यक्रम भी होता है़ हमलोग सभी धर्म का सम्मान करते है़ं वे लोग मैदान में अपना कार्यक्रम करें, लेकिन यदि इस जमीन पर कब्जा का प्रयास किया जायेगा, तो सरना समिति हमेशा इसका विरोध करती रहेगी.
बस स्टैंड का प्रस्ताव भी
लोगों ने बताया कि सरकारी फंड से बिड़ला मैदान में स्कूल बस स्टैंड बनने का प्रस्ताव भी अाया था़ सब कुछ तय भी हो गया था, लेकिन अचानक वह योजना रोक दी गयी़ महिलाओं ने बताया कि रातू रोड में आठ से 10 अस्पताल और कई स्कूल है़ं ऐसे में बिड़ला मैदान में अस्पताल या स्कूल बनाने का कोई मतलब नहीं है़.
महिलाओं ने किया विरोध
हेसल समसिंग टोली, कठहर कोचा के महिलाअों ने भी जमीन कब्जा का विरोध किया़ रेणु लकड़ा, शांति खलखो, ज्योति रानी लिंडा, कोमलीन तिर्की, उषा तिग्गा, जौरी लिंडा, मोनिका उरांव, हिरामनी लिंडा, शांति खलखो, पूनम देवी ने बताया कि यह जमीन गैर मजरूआ आम है़ मैदान में सरना स्थल, पीपल सहित कई अन्य धार्मिक पेड़ है़ं लेकिन सभी चीज को हटा कर उस पर कब्जा का प्रयास किया जा रहा है़ मैदान का सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भी सरकार द्वारा आया था, लेकिन उसे रोक दिया गया़ महिलाओं ने बताया कि श्रीकृष्ण नगर कॉलोनी के लोगों ने हमें लालच दिया था कि यहां स्कूल बन जायेगा, तो सभी के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी़.
1974 से चल रहा है बिड़ला मैदान की जमीन का विवाद
रांची : रातू रोड के समीप स्थित सरना बिड़ला मैदान का विवाद 1974 से चल रहा है़ इस जमीन पर शुरू से धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा है. गुरु पर्व व गुरुद्वारा द्वारा आयोजित किये जानेवाले विभिन्न आयाेजनाें में भी इस मैदान का उपयोग किया जाता है़ यहां पर लंगर आदि की भी व्यवस्था की जाती है़ सरहुल के दौरान वृहद कार्यक्रम, काली पूजा, विश्वकर्मा पूजा सहित कई अन्य कार्यक्रम भी होते है़ं सरना समिति और बिड़ला मैदान बचाओ संघर्ष समिति के दारोगा सिंह व अन्य ने बताया कि मैदान की कुल 47़ 65 एकड़ जमीन है़
283 कट्ठा का प्लाट मैदान का भाग है़ इसी मैदान पर सरना स्थल भी बना हुआ है़ इस पर सार्वजनिक काम भी होता है़ पर इस जमीन को वर्षों से हड़पने का प्रयास किया जा रहा है़ इसका विरोध सरना समिति के अलावा अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठन करते आ रहे है़ं सरना समिति के लोगों ने बताया कि सरना झंडा को हटा कर सरना स्थल को समाप्त करने का प्रयास कई सालों से चल रहा है.
1976 से 2006 तक जमीन पर लगी थी सीलिंग : सरना बिड़ला मैदान बचाओ संघर्ष समिति के दारोगा सिंह व अन्य सदस्यों ने बताया कि इस जमीन पर वर्ष 1976 से 2006 तक सीलिंग लगा था. श्रीकृष्ण नगर कॉलोनी के लोगों ने किसी तरह से जमीन का कागजात बनवा लिया़ सरना समिति व इंद्रपुरी सहित अन्य मुहल्लों के लोग इसका विरोध करते रहे है़ं समिति के लोग राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीसी, एसपी, सीओ सहित कई अधिकारियों को जमीन विवाद के संबंध में जानकारी देते रहे है़ं.
मैदान 20 स्कूलों का बस स्टॉपेज भी : मैदान में कब्जे का विरोध करनेवाले लोगों ने बताया कि यह मैदान 20 से अधिक स्कूलों का बस स्टॉपेज भी है़ रातू रोड काफी व्यस्त रहने के कारण श्रीकृष्ण नगर कॉलोनी, इंद्रपुरी, समसिंग टोली सहित कई मुहल्ले के बच्चे यहीं से स्कूल बसों में सवार होते हैं. सभी स्कूल बसों का स्टॉपेज यहां कराया गया है़.
इसी मैदान में होता है चार स्कूलों का वार्षिकोत्सव
मैदान बचाओ संघर्ष समिति के लोगों ने बताया कि गौरीदत्ता मंडलिया, केवी गर्ल्स हाई स्कूल, श्रद्धानंद सेवाश्रम व राजकीय प्राथमिक विद्यालय का वार्षिकोत्सव समारोह भी हर साल इसी मैदान में होता है. कचहरी से लेकर पंडरा तक खेलने के लिए कहीं मैदान नहीं है़ .विभिन्न तरह की खेल प्रतियोगिता भी इसी मैदान में होती है़ बड़ी संख्या में लाेग इसमें शामिल हाेते हैं. इसके कारण वर्षों से इस मैदान पर कब्जे का विरोध किया जा रहा है़
श्री गुरुनानक सत्संग के नाम पर है जमीन : पपनेजा
गुरुनानक सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि बिड़ला मैदान की जमीन वर्तमान में गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा के नाम पर है. जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन भी सभा के नाम पर हो चुकी है. जमीन पर स्कूल और अस्पताल का निर्माण कार्य किया जाना है. हमलावरों ने सिखों के धार्मिक चिह्न निशान साहिब का अपमान करने के साथ ही बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों पर हमला किया है. हमलावर जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं. श्रद्धालुओं पर हमला करनेवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
आरोप : कार सेवा के नाम पर था आदेश, बनाना चाहते थे चहारदीवारी
आरोप है कि कुछ दिन पहले श्रीकृष्ण नगर कॉलोनी के लोगोंं ने कार सेवा के नाम पर डीसी से अादेश ले लिया और सोमवार को कार सेवा के नाम पर निशान गाड़ने आ रहे थे़ पूरे मैदान को बाउंड्री करने की योजना थी़ उसी का विरोध सरना समिति के सदस्य व इंद्रपुरी, समसिंग टोली व अन्य मुहल्ले के लोगों ने किया़ इसी बात को लेकर दोनोें ओर से विवाद बढ़ गया और मारपीट की नौबत तक आ गयी. इस घटना में दोनों ओर से कई लोग घायल हो गये़
पूरे माामले की होगी जांच : उपायुक्त
बिड़ला मैदान की घटना पर डीसी मनोज कुमार ने कहा कि बिड़ला मैदान में धारा 144 लगा दिया गया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन के पदाधिकारियों को पहले से जानकारी थी कि घटना होनेवाली है, तो यह गंभीर बात है. इसकी जांच होगी.
दूसरे पक्ष का दावा कागजात हमारे पास
सरना बिड़ला मैदान बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि मैदान के सारे कागजात उनके पास है़ दूसरा पक्ष हमेशा जमीन पर कब्जे का प्रयास करते आ रहा है. समिति के सदस्यों व मुहल्ले के लोगों ने बताया कि रिफ्यूजी कॉलोनी के 70 प्रतिशत लोग मैदान को खाली रखने के पक्ष में है़ं उनका कहना है कि मैदान खाली रहने से बच्चों को खेलने, सीनियर सिटीजन को टहलने में सहूलियत होती है.
देर से पहुंची पुलिस, इसलिए हमलावरों को मिल गया मौका
संवाददाता 4 रांची
सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के बिड़ला मैदान में मंगलवार की सुबह हुई पत्थरबाजी में घायल गुरुद्वारा प्रबंधन समिति, कार सेवक संघ और गुरूद्वारा सत्संग सभा के लोगों ने पुलिस पर लापरवाही बरतने और घटनास्थल पर देर से पहुंचने का आरोप लगाया है. घायल अमरजीत मुंजाल और किशनजी गिरधर ने बताया कि बिड़ला मैदान में स्कूल और अस्पताल बनाये जाने को लेकर निशान गाड़ने का कार्यक्रम पहले से तय था.
कार्यक्रम के दौरान कोई विवाद न हो और विवाद होने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर सके, इसके लिए कार्यक्रम की सूचना पुलिस को पहले से दी गयी थी. लेकिन घटनास्थल पर सुखदेवनगर थाना का एक पुलिस अफसर और कुछ सिपाही पहुंचे थे. निशान गाड़ने के लिए मैदान पहुंचने से पहले दूसरे पक्ष के लोगों ने हमला किया. दारोगा पुष्कर सिंह ने बीच-बचाव किया. हमला करनेवालों में 250 से अधिक लोग शामिल थे. बीच बचाव में प्रयास के दौरान हमलावरों ने दारोगा पुष्कर सिंह पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया. घायलों का आरोप है कि अगर प्रशासन ने सुबह से ही पुलिस की तैनाती कर दी होती, तो हमलावरों का मनोबल नहीं बढ़ता और वे भजन- कीर्तन करने वाले लोगों पर ईंट-पत्थर से हमला नहीं करते. लेकिन यह सब काम पुलिस के सामने होता रहता. पुलिस बल की संख्या कम होने के कारण वह हमलावरों पर कार्रवाई नहीं कर सकी. घायलों का यह भी आरोप है कि घटना की सूचना देने के बावजूद अतिरिक्त पुलिस बल को भेजने में देरी की गयी. किशनजी गिरधर ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में करीब एक घंटे लग गया. इस बीच दूसरे पक्ष की ओर से लगातार पहले पक्ष पर पत्थरबाजी की जाती रही. इस कारण पहले पक्ष के कई लोग घायल हो गये. दूसरे पक्ष के लोग हमला करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आये थे. इसलिए पहले पक्ष के लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. पुलिस हमलावरों पर कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बनी रही.
जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया गया़ पुलिस के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी सुरक्षा में लगे हुए है़ं टकराव की स्थिति को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है़ मैदान के आसपास किसी को जमा होने की इजाजत नहीं होगी़