गुलाम सरवर की गिरफ्तारी इसी घटना के संदिग्ध आतंकी हसन इमाम (हसन अली) की निशानदेही पर उस समय की गयी, जब शुक्रवार रात वह खेतों में काम कर रहा था. हसन इमाम व गुलाम सरवर चचेरे भाई हैं. हसन को पूर्व में ही औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था. उस पर अमेरिकी सेंटर पर हमले में काले रंग की मोटरसाइकिल मुहैया कराने का आरोप है. गिरफ्तारी के बाद बिहार एटीएस की टीम ने गुलाम सरवर को हजारीबाग पुलिस के हवाले कर दिया. गुलाम सरवर को शनिवार को कड़ी सुरक्षा में हजारीबाग लाया गया. यहां अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेपी केंद्रीय कारा भेज दिया गया.
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कोलकाता में अमेरिकी सेंटर पर हुए हमले में शामिल था, गया से गिरफ्तार हुआ आतंकी गुलाम सरवर
हजारीबाग, गया. बिहार एटीएस की टीम ने गया के नीमचक बथानी थाना क्षेत्र स्थित धरमुचक गांव से लश्कर-ए-तोएबा के फरार संदिग्ध आतंकी मो गुलाम सरवर को गिरफ्तार कर लिया है. गुलाम सरवर पिछले 15 साल से फरार था. वह कोलकाता पार्क स्ट्रीट स्थित अमेरिकी सेंटर पर हमला करने में भी शामिल था. गुलाम सरवर की […]
हजारीबाग, गया. बिहार एटीएस की टीम ने गया के नीमचक बथानी थाना क्षेत्र स्थित धरमुचक गांव से लश्कर-ए-तोएबा के फरार संदिग्ध आतंकी मो गुलाम सरवर को गिरफ्तार कर लिया है. गुलाम सरवर पिछले 15 साल से फरार था. वह कोलकाता पार्क स्ट्रीट स्थित अमेरिकी सेंटर पर हमला करने में भी शामिल था.
गुजरात से आयी एटीएस की टीम ने भी गया और हजारीबाग पुलिस का सहयोग किया. हजारीबाग एसपी अनुप बीरथरे ने बताया : आतंकी गुलाम सरवर 15 साल से फरार था.
पत्नी ने कहा, बिजनेस में हुआ था घाटा : पत्नी का कहना है कि पहले गुलाम सरवर बरही (हजारीबाग) में मोबिल पार्ट्स की दुकान चलाते थे. एक बार बिजनेस में घाटा लगा, तो उसकी भरपाई के लिए घर से तीस हजार रुपये लेकर बरही जा रहे थे कि रास्ते में पॉकेटमारी हो गयी. इसके बाद घर पर आकर खेती-बाड़ी करने लगे. कुछ दिनों तक गांव में ही उन्होंने उत्कर्ष केंद्र में शिक्षक का काम किया. गांववालों ने बताया कि गुलाम सरवर ने अपनी जान-पहचान का इस्तेमाल करते हुए हसन इमाम को बरही में किराये पर मकान दिलवाया था.
क्या है पूरा मामला : 22 जनवरी 2002 में कोलकाता स्थित अमेरिकी सेंटर में बम ब्लास्ट में पांच जवानों की मौत हो गयी थी. 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. घटना के बाद दिल्ली एटीएस टीम को सूचना मिली थी कि विस्फोट करनेवाले पांच आतंकी हजारीबाग सदर थाना क्षेत्र के खिरगांव मुहल्ले में छुपे हैं. दिल्ली एटीएस ने इसकी सूचना हजारीबाग के तत्कालीन एसपी दीपक वर्मा को दी. 27 जनवरी 2002 को दिल्ली एटीएस व हजारीबाग पुलिस की टीम खिरगांव मोहल्ला पहुंची. उस घर को घेर लिया, जहां पांचों आतंकी छिपे थे. दोनों ओर से फायरिंग हुई थी. पुलिस ने दो आतंकियों को मार गिराया था. इनकी पहचान इदरीश उर्फ वाजिद उर्फ जाहिद (ग्राम खानेवाल, मुलतान, पाकिस्तान) और सलीम (पाकिस्तान के पंजाब प्रांत निवासी) के रूप में हुई थी. बाद में कोलकाता पुलिस ने औरंगाबाद से हसन इमाम को गिरफ्तार कर लिया था. मामले का एक अन्य आराेपी मो सदाकत अब भी फरार है.
थाने में जमे रहे लोग
गया में गुलाम सरवर की गिरफ्तारी के विरोध में गांव के लोग देर रात तक नीमचक बथानी थाने में जमे रहे. हालांकि पुलिस की ओर से बताये जाने पर कि गिरफ्तार सरवर का आतंकी कनेक्शन है, लोग शांत हो गये. गुलाम सरवर के घर में बीवी रोशन जहां, पुत्र मो अख्तर, मो गौहर, मो मोहसिन व मो अकरम है. इनमें अकरम अंधा है. सभी गांव में ही अपने रिश्तेदार मो सरफराज के यहां किराये पर रहते हैं.
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