इस बारे में न तो यूनिट के लोग और न ही पुलिसवाले कोई पता लगा पाये हैं. उर्सुला नम आंखों से बताती है कि उसकी बेटी नीलम भेंगरा एक साल की थी, जब वह घर से ड्यूटी के लिए गये थे. वहां जाने के बाद उन्होंने घर वालों को एक चिट्ठी भी लिखी थी कि ड्यूटी पर पहुंच गया हूं. बेटी नीलम की आंखें भी अपने पिता के इंतजार में पथरा गयी हैं. उर्सुला ने इस संबंध में राष्ट्रपति, राज्यपाल, आर्मी इस्टर्न कमांड, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग सहित कई जगहों पर पत्र लिख कर अपने पति का पता लगाने की गुजारिश की, परंतु अभी तक नतीजा शून्य ही निकला है.
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25 साल से पति के लौटने का इंतजार कर रही उर्सुला
तोरपा -रांची : तोरपा के डोड़मा खरवाटोली की उर्सुला भेंगरा पिछले 25 साल से अपने सैनिक पति के घर लौट आने का इंतजार कर रही है. उनके पति अंतोनी भेंगरा 212 रॉकेट रेजीमेंट (गनर के पद पर) कारगिल में पदस्थापित थे. उसका आर्मी नंबर 14483952ए है. वे 20 मई 1991 को कठुआ (जम्मू कश्मीर) से […]
तोरपा -रांची : तोरपा के डोड़मा खरवाटोली की उर्सुला भेंगरा पिछले 25 साल से अपने सैनिक पति के घर लौट आने का इंतजार कर रही है. उनके पति अंतोनी भेंगरा 212 रॉकेट रेजीमेंट (गनर के पद पर) कारगिल में पदस्थापित थे. उसका आर्मी नंबर 14483952ए है. वे 20 मई 1991 को कठुआ (जम्मू कश्मीर) से अचानक गायब हो गये. इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.
उर्सुला ने बताया कि उसके गायब होने की जानकारी तब मिली, जब रेजीमेंट की ओर से घर पर पत्र भेज कर उसके बारे में जानकारी मांगी गयी कि कहीं वह घर तो नहीं लौट गया है. इसके बाद उर्सुला ने अपने सगे-संबंधियों के यहां भी खोजबीन की, परंतु कोई जानकारी नहीं मिली.
उर्सुला भेंगरा ने बताया कि वह अपने पति के लौट आने का इंतजार विगत 25 वर्षों से कर रही है.
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