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प्रखंड छोड़नेवाले बीडीओ पर कार्रवाई करें : मुख्य सचिव
हर पंचायत में मनरेगा के तहत कम से कम 100 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने प्रत्येक पंचायत में मनरेगा के तहत कम से कम 100 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर जिलों के डीडीसी और बीडीओ […]
हर पंचायत में मनरेगा के तहत कम से कम 100 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश
रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने प्रत्येक पंचायत में मनरेगा के तहत कम से कम 100 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर जिलों के डीडीसी और बीडीओ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए उन्होंने सक्रिय कामगार को मोबलाइज करने और ज्यादा से ज्यादा कार्य दिवस सृजित करने की जरूरत बतायी. मुख्य सचिव ने कहा कि श्रम दिवस सृजन कार्य लक्ष्य के अनुरूप नहीं है. रोजगार सेवकों को युद्धस्तर पर काम कर लक्ष्य पूरा करना चाहिए. सभी डीडीसी प्रखंडों में बीडीओ की उपस्थिति सुनिश्चित करें. बीडीओ को डीडीसी की अनुमति के बिना प्रखंड मुख्यालय से बाहर नहीं रहना है. बिना अनुमति प्रखंड कार्यालय से अनुपस्थित रहनेवाले बीडीओ पर कार्रवाई करें.
श्रीमती वर्मा ने रोजगार सेवक की प्रोफाइलिंग पंचायतवार और प्रखंडवार करने के निर्देश दिये. डोभा निर्माण के लिए भी लाभुकों को सूचीबद्ध करते हुए योजना स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराने के लिए कहा. बताया गया कि रोजगार उत्पन्न करने के काम में उम्मीद के बराबर प्रगति नहीं हो रही है. रोजगार सृजन में साहेबगंज, पूर्वी सिंहभूम, रांची, गोड्डा, कोडरमा, धनबाद, पाकुड़, दुमका, रामगढ़ और पलामू जिला का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सबको आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा करने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत बतायी. कहा कि जहां योजनाएं पूरी हो गयी है, उन पंचायत या प्रखंड के लक्ष्य को दूसरे प्रखंडों में स्थानांतरित करें. बैठक में ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
रांची : विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में अद्यतन व्यय 60.32 प्रतिशतहै. यह पूर्व के वर्षों से अधिक है. अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए श्री खरे ने अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूरी नहीं होनेवाली या छूट गयी घोषणाओं पर काम कर उसे समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिये.
योजनाओं के वास्तविक लाभ का आकलन करने की जरूरत बतायी. कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों, स्कूलों में शिक्षकों और सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों व अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए. अधिकारियों को केंद्र सरकार से राशि प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.
श्री खरे ने सभी सचिवों को वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए एक फरवरी को आनेवाले केंद्र सरकार के बजट की जिन योजनाओं का लाभ झारखंड को मिलेगा, उस पर त्वरित कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिया. राज्य विकास परिषद, 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति व टीएसी में लिये गये फैसलों पर कार्यवाही शुरू कर तीन साल का समेकित एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा है.
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