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अब दुग्ध व्यवसाय के लिए कृषि दर पर ऋण मिलेगा
रांची : राज्य में दूध का कारोबार करनेवाले अब कृषि कार्य की तरह ऋण ले सकेंगे. कृषि कार्य में जिस ब्याज दर से ऋण मिलता है, उसी दर से दूध उत्पादन या दुग्ध इंडस्ट्री प्लांट लगाने के लिए ऋण मिलेगा. राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को इसकी अनुशंसा कर दी है. इससे राज्य में दूध उत्पादन […]
रांची : राज्य में दूध का कारोबार करनेवाले अब कृषि कार्य की तरह ऋण ले सकेंगे. कृषि कार्य में जिस ब्याज दर से ऋण मिलता है, उसी दर से दूध उत्पादन या दुग्ध इंडस्ट्री प्लांट लगाने के लिए ऋण मिलेगा. राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को इसकी अनुशंसा कर दी है. इससे राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा मिल सकेगा.
क्या-क्या होगा फायदा
दुग्ध उत्पादकों को दुधारू मवेशी पालन, पशु आहार कारखाना लगाने, लघु दुग्ध प्रसंस्करण इकाई की स्थापना पर कृषि कार्य के लिए निर्धारित ब्याज दर पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा.
दुग्ध उत्पादन एवं उनसे संबद्ध कारखानों या व्यवसाय के लिए कृषि कार्य हेतु निर्धारित दर पर बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी.
सरकार गव्य सेक्टर को प्राथमिकता वाला क्षेत्र घोषित कर इस काम के लिए आवश्यक रूप से ऋण उपलब्ध कराने के लिए बाध्य करेगी. इससे अधिक से अधिक रोजगार का सृजन हो पायेगा.
पशु आहार तथा गव्य उत्पादन में कृषि के समरूप कर का निर्धारण किया जायेगा.कृषि बीमा के लिए निर्धारित न्यूनतम प्रीमियम दर पर डेयरी फॉर्मों, दुधारू पशुओं व बाछी का बीमा हो सकेगा.
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से गव्य पालन, दुग्ध उत्पादन, डेयरी फॉर्मिंग से जुड़े मामले में हाइजिन का ख्याल रखा जा सकेगा.
गव्य पालन, दुग्ध उत्पादन, व्यावसायिक डेयरी फॉर्मिंग एवं उनसे संबद्ध व्यवसाय में काम करनेवाले श्रमिकों काे कृषि जैसी सुविधाएं एवं लाभ दिया जा सकेगा. यहां काम करनेवालों को श्रमिक उद्योग व श्रमिक कानून के दायरे से मुक्त कर दिया जायेगा.
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