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बजट सत्र. झामुमो विधायकों के हंगामे के कारण नहीं चला सदन, स्पीकर हुए नाराज, बोले चिंता न करें, जल्द ही न्याय करेंगे

रांची : सदन की कार्यवाही पांचवें दिन भी नहीं चली़ शनिवार को भी विधायकों के सवाल सदन में नहीं आ सके़ प्रश्नकाल बाधित रहा. विधानसभा में दिनभर शोर-गुल होता रहा़ सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायकों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी़ झामुमो विधायक वेल में घुस गये़ […]

रांची : सदन की कार्यवाही पांचवें दिन भी नहीं चली़ शनिवार को भी विधायकों के सवाल सदन में नहीं आ सके़ प्रश्नकाल बाधित रहा. विधानसभा में दिनभर शोर-गुल होता रहा़ सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायकों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी़ झामुमो विधायक वेल में घुस गये़ इससे नाराज होकर स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा : न्याय दे रहे है़ं चिंता मत करिये, जल्द ही न्याय करेंगे़ आसन गंभीरता से विचार कर रहा है़ आचरण व व्यवहार से समय बरबाद किया जा रहा है़ कोष की भी बरबादी हो रही है़ पूरे राज्य की जनता देख रही है़ स्पीकर ने कहा कि विधानसभा से विधेयक पारित हो चुका है़ इस पर सदन चर्चा कर सकता है़ आप चर्चा के लिए भी तैयार नहीं है़ं चर्चा के बाद मत विभाजन करा ले़ं.
वहीं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि विधानसभा से संशोधन विधेयक पारित हो चुका है़ विपक्ष चर्चा चाहता है, तो प्रस्ताव लाये़ इस तरह से कोई सदन को बंधक नहीं बना सकता है़ स्पीकर श्री उरांव झामुमो विधायकों से बार-बार आग्रह करते रहे कि वे अपनी सीट पर चले जायें, लेकिन झामुमो के विधायक सुनने के लिए तैयार नहीं थे़ स्पीकर ने प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से भी आग्रह किया कि वे अपने विधायकों को बैठने के लिए कहें. सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि प्रश्नकाल चलाया जाय. स्पीकर ने प्रश्न पूछने के लिए झाविमो विधायक प्रदीप यादव का नाम भी पुकारा, लेकिन विधायक श्री यादव का कहना था कि हाउस आर्डर में नहीं है़ ऐसे में कोई कैसे प्रश्न पूछ सकता है़ इस स्पीकर ने कहा कि आप भी स्पोर्ट ही कर रहे है़ं.

हो हल्ला के बीच संसदीय कार्य मंत्री श्री राय ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में रखी. इसके बाद स्पीकर ने 10 मिनट में ही सदन की कार्यवाही पहली पाली के लिए दो बजे तक स्थगित कर दी़ दूसरी पाली में सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो फिर से झामुमो विधायक वेल में घुस कर नारेबाजी करने लगे़ इसके बाद स्पीकर ने अनुपूरक बजट पर चर्चा शुरू करायी़ झाविमो विधायकों ने नौ शर्तों के साथ कटौती का प्रस्ताव रखा़ सरयू राय ने चर्चा में सरकार का पक्ष रखा़ हो-हल्ला के बीच अनुपूरक बजट पास भी हो गया़ इसके बाद स्पीकर ने आधा घंटा में ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी़

गत वर्ष 12.1 फीसदी रही विकास दर
झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी कर दी है. शनिवार को विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री ने इसे पटल पर रखा. वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2015-16 के बीच राज्य की विकास दर वर्तमान मूल्य के आधार पर 12.5 फीसदी रही. इस दौरान कृषि व संबद्ध क्षेत्र में 5.23 फीसदी, औद्योगिक क्षेत्र में 7.2 फीसदी तथा सेवा क्षेत्र में 10.6 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से आर्थिक विकास हुआ. वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 12.1 फीसदी की दर से बढ़ा. अार्थिक विकास दर में झारखंड के प्रदर्शन को रिपोर्ट में राष्ट्रीय अौसत से बेहतर बताया गया है़.
राज्य के शुद्ध घरेलू उत्पाद (एनएसडीपी) की बात करें, तो वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2014-15 के बीच देश के केवल तीन राज्यों (गुजरात, मिजोरम व त्रिपुरा) की विकास दर ही झारखंड से बेहतर रही. पर प्रभावशाली वृद्धि दर के बावजूद राज्य की प्रति व्यक्ति आय केवल पांच राज्यों (बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मणिपुर व असम) से ही अधिक रही. गत तीन वर्षों के दौरान झारखंड के राजस्व की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. वित्तीय वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में राज्य की कुल प्राप्ति (टोटल रिसीट) में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी थी, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 में गिर कर 0.13 फीसदी हो गयी. पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में 31.44 फीसदी तथा 2015-16 में 35.95 फीसदी की दर से कुल प्राप्ति बढ़ी है.
चालू वित्तीय वर्ष में इस वृद्धि के 16.6 फीसदी रहने का अनुमान है. सरकार के अनुसार, राज्य की राजस्व प्राप्ति (रेवेन्यू रिसीट) भी वित्तीय वर्ष 2011-12 व 2013-14 के दौरान आठ फीसदी की दर से बढ़ी. पर इसके बाद 2014-15 से 2016-17 के दौरान इसकी वृद्धि दर 32.9 फीसदी हो गयी. दूसरी अोर पूंजीगत प्राप्ति (कैपिटल रिसीट) की वृद्धि दर का ट्रेंड उल्टा रहा. यह पहले 8.7 फीसदी तथा बाद में -4.4 फीसदी रही. इसकी वजह ऋण व उधार सहित अन्य देनदारी का कम होना है. कर राजस्व में भी राज्य इजाफा दर्ज कर रहा है. उधर, पूंजीगत व्यय वित्तीय वर्ष 2015-16 में 116 फीसदी बढ़ा था. राज्य का आंतरिक ऋण अधिक होने से यह हुआ. अब वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान के अनुसार, राजस्व व्यय (रेोन्यू एक्सपेंडिचर) में 33.4 फीसदी की वृद्धि व पूंजीगत व्यय में 17.5 फीसदी की कमी का अनुमान है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के बारे में कहा गया है कि प्राथमिकता क्षेत्र (प्रायोरिटी सेक्टर) के तहत सूक्ष्म व लघु उद्योगों (एमएसअाइ) का एनपीए सर्वाधिक 46.5 फीसदी है. इसके बाद गैर प्राथमिकता क्षेत्र (37.6 फीसदी), कृषि क्षेत्र (18.2 फीसदी) तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्र (6.4 फीसदी) का स्थान है. उधर,बैंकों का ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) मार्च 2015 (61.5 फीसदी) के मुकाबले मार्च 2016 में कम होकर 60.6 फीसदी रहा.

राज्य की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर : रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड विकास की राह पर चल पड़ा है. जीडीपी व जीएसडीपी दोनों मामलों में राज्य ने वृद्धि दर्ज की है. इस मामले में झारखंड से सिर्फ तीन राज्य ही आगे हैं. राज्य की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है. आनेवाले वर्षों में इसमें और सुधार होगा. सरकार विकास कार्यों में जनभागीदारी के साथ काम कर रही है. इसके नतीजे अब सामने आने लगे हैं.
हंगामे के बीच 2069 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित
विधानसभा में शनिवार को झामुमो विधायकों के विरोध के बीच 2069 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पारित हुआ. झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव को वापस लेने की नौ शर्तें रखीं, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया. संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने अनुपूरक बजट पर सरकार का पक्ष रखते हुए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड संतुलित विकास की ओर अग्रसर है. हाथी की तरह विकास हो रहा है. इसने अभी उड़ना शुरू किया है. अगर विपक्ष का सहयोग मिला, तो 2030 तक झारखंड देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा.
उन्होंने कहा कि झारखंड का प्रदर्शन केवल राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर नहीं है, बल्कि ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अच्छा रहा है. 2011-12 और 2014-15 के बीच देश के केवल तीन राज्यों (गुजरात, मिजोरम और त्रिपुरा) की विकास दर झारखंड से अधिक रही. झारखंड और चंडीगढ़ का शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्य पर) 8.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि से बढ़ा और गुजरात, मिजोरम व त्रिपुरा का शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद नौ प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ा. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में देश की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर 93,231 रुपये के विरुद्ध झारखंड की प्रति व्यक्ति आय 62,816 रुपये रही. अगर राज्य के सकल घरेलू राज्य उत्पाद के आंकड़ों को देखते हैं, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय स्तर पर पिछले वर्ष की तुलना में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. श्री राय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक की अवधि में अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में प्रभावशाली वृद्धि हुई है. कृषि व संबद्ध क्षेत्र में 5.23 प्रतिशत, उद्योग में 7.2 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 10.63 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट से राज्य के खजाने पर भार नहीं पड़ेगा. केंद्र सरकार से 115 करोड़ और विभिन्न विभागों से प्रत्यर्पण से 1433 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल पर कि खनन क्षेत्र में क्या हो रहा है? श्री राय ने कहा कि जो पहले होता रहा है, वही हो रहा है. इससे पहले विधायक राधाकृष्ण किशोर ने अनुपूरक बजट के पक्ष में अपनी बात रखी. वहीं झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव को वापस लेने के लिए सरकार के समक्ष नौ शर्तें रखीं. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक को वापस लेने, स्थानीयता को फिर से परिभाषित करने, आयरन ओर के लीज नवीकरण की सीबीआइ जांच कराने व पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने समेत कई मांगें की, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया.

मुद्दा छोड़ नहीं सकते, आंदोलन जारी रहेगा : स्टीफन मरांडी
रांची. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट का मुद्दा हम नहीं छोड़ सकते है़ं यह झारखंड के अस्तित्व से जुड़ा है़ झामुमो का भी जन्म जमीन के लिए संघर्ष से हुआ है़ झारखंड के आदिवासी-मूलवासी को बरबाद करने की साजिश चल रही है़ हम किसी के कहने पर आंदोलन नहीं छोड़ सकते हैं, खास कर सत्ता पक्ष के कहने पर तो बिल्कुल नहीं.श्री मरांडी ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट यहां के शहीदों के संघर्ष से बना कानून है़ सरकार इसके साथ छेड़छाड़ की है़ राज्य की जनता इस कानून के खिलाफ है़ हम जनप्रतिनिधि हैं, जनता की भावना के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे़ हमारा आंदोलन जारी रहेगा़ सदन कैसे चले, यह सरकार को भी सोचना होगा़
मंत्री, विधायक, विपक्ष व जनता की बात नहीं सुन रहे सीएम : हेमंत
रांची. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन पर सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है. झामुमो सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा. सरकार को इस मुद्दे पर फिर से विचार करना चाहिए. राज्य सुलग रहा है. इसके गंभीर परिणाम सामने आयेंगे़ सरकार बहुमत के घमंड में चूर है. उन्होंने कहा कि राज्य के मुखिया- मंत्री, विधायक, विपक्ष और जनता की बात नहीं सुन रहे हैं. संसदीय परंपरा का निर्वहन करना सिर्फ विपक्ष का दायित्व नहीं है. एक्ट में संशोधन पर सत्ता पक्ष के लोग भी अपनी बात खुल कर रख रहे हैं. श्री सोरेन शनिवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे. सरयू राय के यह कहे जाने पर कि राज्य में हाथी की तरह विकास हुआ है, श्री सोरेन ने कहा कि वही हाथी गिरेगा और सब दब कर मर जायेंगे. उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड पर सरकार अनावश्यक खर्च कर रही है. इसका कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आनेवाला है. अभी तक यह सरकार पूर्ववर्ती सरकार का बनाया खाना ही खा रही है. वर्तमान सरकार का चूल्हा भी नहीं जला है. सरकार को यह बताना चाहिए कि कोयला की राॅयल्टी 25 हजार करोड़ रुपये कहां है. अब तक कितनी नयी नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकाला गया. श्री सोरेन ने कहा कि आरएसएस के लोग देश में आर्थिक रूप से पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार को छीनने का प्रयास कर रहे हैं. यही वजह है कि इनकी ओर से आरक्षण को समाप्त करने का बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है.

सत्र शुरू होते ही प्रदीप यादव ने आरक्षण का मुद्दा उठाया
रांची. सत्र शुरू होते ही झाविमो विधायक प्रदीप यादव सबसे पहले खड़े हो गये़ उन्होंने कहा कि आरएसएस देश में आरक्षण खत्म करना चाहता है़ यह कोई और नहीं, संघ के विचारक मनमोहन वैद्य बोल रहे है़ं संघ का यह बयान आदिवासी, दलित व पिछड़ा विरोधी है़ सदन में इस बयान को लेकर निंदा प्रस्ताव आना चाहिए़ झाविमो विधायक श्री यादव की इस टिप्पणी का संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने विरोध किया़ श्री राय ने कहा कि पूरी खबर पढ़ लीजिए. विषय को गलत तरीके से पेश न करे़ं इसके बाद सत्ता पक्ष के सभी विधायक खड़े हो गये और जोर-जोर से बोलने लगे.

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