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बीज उत्पादन में राज्य हो रहा आत्मनिर्भर : सीएस

रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य पहली बार बीज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होने जा रहा है. पहली बार राज्य में तीन लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन हुआ है. पिछली बार एक लाख क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ था. उन्होंने कहा कि बीज अधिप्राप्ति की कार्रवाई हो और इसका भुगतान […]

रांची : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य पहली बार बीज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होने जा रहा है. पहली बार राज्य में तीन लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन हुआ है. पिछली बार एक लाख क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ था. उन्होंने कहा कि बीज अधिप्राप्ति की कार्रवाई हो और इसका भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाये. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारियों से कहा कि वे सभी बीज उत्पादकों के बैंक खाता व मोबाइल नंबर लेकर आधार जोड़ें. मृदा परीक्षण के लिए पूरे राज्य में अभियान चलायें. श्रीमती वर्मा गुरुवार को कृषि विभाग की समीक्षा कर रही थीं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने जिले के अफसरों को कई निर्देश भी दिया.
बैठक में 500 नये बीज ग्राम बनाने का लक्ष्य भी जिला कृषि पदाधिकारियों को दिया गया, ताकि पांच हजार क्विंटल तक फाउंडेशन सीड का उत्पादन हो सके. उन्होंने कहा कि बीज निगम किसानों से बीज खरीदेगा. जनवरी से ही यह शुरू हो जायेगा. उन्होंने ने राज्य की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की दिशा में कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. बंजर भूमि की ग्रामवार प्रोफाइलिंग करने को कहा. इसके बाद इस पर जुताई करने का निर्देश दिया, ताकि खरीफ के मौसम में खेती की जा सके. बागवानी को बढ़ावा देने के लिए बागवान मित्र बहाल किये जाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि राज्य भर में 5000 बागवान मित्र का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाये. इससे झारखंड के युवाओं का कौशल विकास तो होगा ही, साथ ही स्वनियोजित होकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष फसल योजना की सफलता के लिए विभिन्न जिलों में अलग–अलग फसलों की खेती के लिए वातावरण के अनुकूल योजना तैयार करें. मूंगफली, राजमा, तिल आदि की खेती के लिए कलस्टर वार योजना बनायें. यह तय किया जाये कि सभी प्रखंडों में 50–50 हेक्टेयर कलस्टर की कार्य योजना बने, ताकि अगले वित्तीय वर्ष में खेती का काम शुरू किया जा सके. श्रीमती वर्मा ने कहा कि गढ़वा, लातेहार, दुमका सहित अन्य जिलों में विशेष फसल का उत्पादन किया जा सकता है. उन जिलों का डाटा तैयार कर यह आकलन करने को कहा कि भविष्य में पैदावार कितनी बढ़ायी जा सकती है. इसका प्रस्ताव भी तैयार करें. बैठक में सचिव कृषि विभाग नीतिन मदन कुलकर्णी, विशेष सचिव पूजा सिंघल, निदेशक राष्ट्रीय बागवानी मिशन राजीव कुमार आदि मौजूद थे.

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